यूक्रेन (Ukraine) के साथ युद्ध में उलझा रूस (Russia) फिलहाल कई परेशानियों का सामना कर रहा है. पश्चिमी देशों के लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. कच्चा माल न मिलने से उसके उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन, इस विपत्ति की घड़ी में भी स्वयं को रूस का परम मित्र बताने वाला चीन घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. रूस पर आई इस आपदा में भी उसने अपने लिए अवसर खोज लिया है.
चीन रूस को अब घटिया सेमीकंडक्टर (Semiconductor) की सप्लाई कर रहा है. इसका पता इस बात से चलता है कि पहले जहां चीन से रूस आए सेमीकंडक्टर में से 2 फीसदी ही खराब निकलते थे, वहीं, अब 40 फीसदी तक सेमीकंडक्टर काम नहीं कर रहे हैं. रूसी बिजनेस समाचार पत्र कॉमरसेंट (Kommersant) ने यह जानकारी दी है. चीन की आड़े वक्त में की गई इस चालबाजी की रूसी मीडिया खूब भर्त्सना कर रहा है.
रिजेक्ट माल की सप्लाई
सेमीकंडक्टर में खराबी के बढ़े हुए मामले से अब चीन की नीयत पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं. रूसी इलेक्ट्रोनिक्स निर्माता अब यह मानने लगे हैं कि चीन रिजेक्टिड माल की सप्लाई रूस को कर रहा है. पश्चिमी देशों द्वारा लगाए प्रतिबंधों के कारण रूस को अब चीन का ही सहारा है. इसी का फायदा चीन उठा रहा है. चीन के सप्लायर्स जानते हैं कि इस समय रूस ज्यादा मोल-भाव करने की स्थिति में नहीं है और न ही वह क्वालिटी को लेकर ज्यादा ना-नुकर कर सकता है.
प्रतिबंधों का असर
कई देशों द्वारा रूस पर लगाए प्रतिबंधों के कारण कई कंपनियां रूस छोड़कर चली गई हैं. इससे रूस के इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग को भारी झटका लगा है. आवश्यक चीजों की भारी किल्लत हो गई है. चीन द्वारा रूस को सप्लाई की जा रही घटिया चिप से चीन के अपनी अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण करने और केवल वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट्स का उत्पादन करने के वादों पर भी सवालिया निशान लग रहा है.
कोरोना काल में की थी चालबाजी
कोरोना काल में भी चीन ने कई देशों को घटिया सामान सप्लाई किया था. अपने परम मित्र पाकिस्तान को तो उसने पुराने अंडरवियर से बने मास्क भेज दिए थे. इसके अलावा भारत सहित कई देशों को घटिया स्तर की पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) किट सप्लाई की थी.