सरकार विभिन्न क्षेत्रों में 35,000 रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी पीएलआई (PLI) स्कीम का विस्तार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है.
अधिकारी के मुताबिक, सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों जैसे चमड़ा, साइकिल, कुछ वैक्सीन मैटेरियल और कुछ दूरसंचार प्रोडक्ट्स के लिए पीएलआई योजना पर विचार कर रही है. इन क्षेत्रों के अलावा खिलौनों, कुछ केमिकल और शिपिंग कंटेनरों के लिए भी पीएलआई लाभों पर विचार किया जा रहा है.
अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. इन सभी विभिन्न क्षेत्रों में पीएलआई के लाभों का विस्तार करने के लिए अंतर-मंत्रालयी बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत और कुछ विभागों ने इस योजना के विस्तार की मांग की है.
सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस केमिस्ट्री सेल और स्पेशियलिटी स्टील सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के ऑटोले के साथ इस योजना को पहले ही शुरू कर दिया है.
क्या है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम?
मोदी सरकार ने मार्च 2020 में पीएलआई स्कीम शुरू की थी. इसका उद्देश्य घरेलू कंपनियों में निर्मित प्रोडक्ट्स की बिक्री में बढ़ोतरी पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है. पीएलआई योजना का मकसद घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाना है. इसका मकसद विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा घरेलू कंपनियों को मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है.