चीन के साथ ताइवान के बढ़ते तनाव को देखते हुए उसकी रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अमेरिका ने ताइवान को 1.1 बिलियन डॉलर के आधुनिक हथियार देने की घोषणा की है. ताइवान से हथियारों का ये नया सौदा अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे के बाद चीन के शुरू किए गए बड़े सैन्य अभ्यासों को देखते हुए किया गया है. ऐसी आशंका है कि चीन के सैन्य अभ्यास भविष्य के हमले के लिए एक ट्रायल रन हो सकते हैं.
ताइवान को बेचे जाने वाले हथियारों में लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम एक प्रारंभिक रडार चेतावनी प्रणाली के लिए 66.5 करोड़ डॉलर और 60 उन्नत हार्पून मिसाइलों के लिए 35.5 करोड़ डॉलर का सौदा शामिल है. जिससे आने वाले लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का काफी पहले पता लगाया जा सकता है. जबकि हार्पून मिसाइलें किसी भी निशाने को तबाह करने में सक्षम हैं. पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने ताइवान को 60 एंटी-शिप मिसाइलों और 100 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित सैन्य उपकरणों की 1.1 अरब डॉलर की बिक्री को मंजूरी दी है.
कहा जा रहा है कि यह हथियार बिक्री का आदेश राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से ताइवान को मिल रहे मजबूत समर्थन को दिखाता है. इस समय ताइवान को चीन के भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. जिसने लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप को कभी भी अपने नियंत्रण में लाने के लिए सेना का उपयोग करने से इंकार नहीं किया है. चीन का लगातार दावा है कि ताइवान उसका हिस्सा है. जबकि ताइपे का कहना है कि चीन ने कभी भी इस द्वीप पर शासन नहीं किया है और उसे इस पर दावा करने का कोई हक नहीं है.