संयुक्त राज्य अमेरिका ने अल-कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मारने के लिए अपने सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान अफगानिस्तान के मित्र माने जाने वाले पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया. एक शीर्ष खुफिया सूत्र ने न्यूज़18 को यह खास जानकारी दी. आपको बता दें कि अल-जवाहिरी ने 9/11 के हमलों में अहम भूमिका निभाई थी और बाद में उसने भारतीय उपमहाद्वीप में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास अपने समूह से जुड़ा एक संगठन बनाया था.
सूत्र ने पुष्टि की कि अमेरिकी ड्रोन ने एक दोस्ताना मध्य-पूर्वी देश, संभवतः संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से उड़ान भरी थी और यह पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करते हुए अफगानिस्तान की सीमा में घुसा. जवाहिरी पर अमेरिकी ड्रोन ने उस वक्त दो मिसाइल दागी, जब वह काबुल में स्थित अपने सेफ हाउस की बालकनी पर खड़ा था. जवाहिरी के परिवार के अन्य सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन मिशन में केवल आतंकी मास्टरमाइंड ही मारा गया.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने हवाई क्षेत्र की अनुमति और ड्रोन के रास्ते के लिए पाकिस्तान को पहले ही नोटिस दे दिया था. सूत्र ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान को संभवत: यह नहीं पता था कि अमेरिका का निशाना कौन है. लंबे समय से अल जवाहिरी की तलाश चल रही थी. सितंबर में आतंकवादी हमले के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने एफबीआई के 22 वांछित आतंकवादियों की सूची जारी की थी जिसमें जवाहिरी का नाम अलकायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन के साथ काफी ऊपर था.
2022 की शुरुआत में जवाहिरी के अफगानिस्तान में होने का पता चला
अल-जवाहिरी को सीआईए द्वारा संचालित ड्रोन से दो हेलफायर मिसाइलों द्वारा मार दिया गया, जब वह काबुल में एक घर की बालकनी पर था. यहां वह अपने परिवार के साथ रह रहा था. पत्रकारों को जानकारी देने वाले अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हमले में उनके परिवार का कोई सदस्य या अन्य नागरिक घायल या मारे नहीं गए. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र और शायद दुनिया के नाम एक संबोधन में कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने वर्ष की शुरुआत में अलकायदा नेता को अफगानिस्तान में ट्रैक किया था और उन्होंने एक सप्ताह पहले 25 जुलाई को अल-जवाहिरी को मारने के लिए ऑपरेशन को आगे बढ़ाया था.
इन हमलों में थी अल-जवाहिरी की भूमिका
अल-जवाहिरी ने ओसामा बिन-लादेन के साथ 2001 में अमेरिका पर 11 सितंबर के हमलों में अहम किरदार निभाया था. इस हमले में करीब 3000 लोग मारे गए थे. लादेन को 2011 में अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार दिया था. मिस्र में जन्मे अल-जवाहिरी ने डॉक्टर बनने के लिए ट्रेनिंग ली थी. उसके बारे में सूचना देने के लिए अमेरिका ने 2.5 करोड़ यूएस डॉलर का इनाम भी रखा था. 1998 में तंजानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावास बम विस्फोटों के साथ-साथ यमन में साल 2000 में यूएसएस कोल पर के हमले के संबंध में वांछित था. दूतावास के बम विस्फोटों में 12 अमेरिकियों सहित 224 लोग मारे गए और 4,500 से अधिक लोग घायल हो गए. यूएसएस कोल पर हुए हमले में 17 अमेरिकी नाविकों की मौत हो गई थी.