भारत में स्टार्टअप्स की संख्या पिछले 6 साल में 471 से बढ़कर 30 जून तक 72,993 पर पहुंच गई. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश ने संसद में दी. आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप की संख्या में 15400 फीसदी का उछाल आया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए 2016 में स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव की शुरुआत की थी. केंद्रीय मंत्री ने एक लिखित जवाब में कहा कि इस योजना का उद्देश्य भारत के स्टार्टअप कल्चर को समर्थन प्रदान करना है ताकि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो और बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हो सकें.
6 साल में स्टार्टअप्स ने दी लाखों नौकरियां
पिछले कुछ साल में भारतीय स्टार्टअप का प्रदर्शन शानदार रहा है. अब सरकारी आंकड़े भी इस पर मुहर लगा रहे हैं. सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि पिछले 6 वर्ष में स्टार्टअप ने लगभग 7.68 लाख नौकरियां पैदा कीं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप के मामले में महाराष्ट्र 13,519 स्टार्टअप्स के साथ सबसे आगे है. इसने दिल्ली (8636) और कर्नाटक (8881) को पीछे छोड़ दिया है. पिछले छह वर्षों में बनाए गए स्टार्टअप और बाद में रोजगार देने के मामले में महाराष्ट्र भारत की स्टार्टअप राजधानी के रूप में उभरा है.
6 साल में किए गए 52 रिफॉर्म
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने लोकसभा में बताया कि 2016 के बाद से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ रेजिंग कैपिटल और स्टार्टअप के लिए दूसरे प्रावधानों को आसान करने के उद्देश्य से 52 रेग्युलेटरी रिफॉर्म किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस बीच स्टार्टअप्स ने कितनी राशि जुटाई इसका कोई केंद्रीयकृत डेटा उपलब्ध नहीं है
भारत में 105 यूनिकॉर्न
भारत में इस वक्त 105 यूनिकॉर्न हैं. यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहा जाता है जिनकी मार्केट वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से ज्यादा होती है. हालांकि इन स्टार्टअप में सबसे ज्यादा संख्या टेक स्टार्टअप की है. फंड जुटाने के मामले में भी टेक स्टार्टअप सबसे आगे हैं. इकोनॉमिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने 2021 में रिकॉर्ड 36 अरब डॉलर का निवेश किया. यूके स्थित इन्वेस्टमेंट डेटा प्लेटफॉर्म प्रीकिन ने अनुमान लगाया है कि 2021 में वेंचर और स्टार्टअप निवेश 2020 में 11 अरब डॉलर की तुलना में तीन गुना से अधिक बढ़ गया.