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64% एशियाई कंपनियां हुईं साइबर अटैक का शिकार, फिर भी 10 में से 7 ने कहा- हम अपने इंतजाम से संतुष्ट

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इस बात से बहुत कम लोग ही असहमति जताएंगे कि तेजी से हो रहे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ने दुनियाभर में साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ा दिया है. ऐसे में भी एशिया की 10 में से 7 कंपनियों ने कहा है कि वे साइबर अटैक के खिलाफ अपने सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट हैं. हालांकि, 48 फीसदी कंपनियों का ये भी मानना है कि इस मामले में अभी और बेहतर होने की गुंजाइश है. यह दावा मार्श एवं माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प द्वारा प्रकाशित ‘स्टेट ऑफ साइबर रेजीलिएंस’ में किया गया है.

मार्श एक इंश्योरेंस ब्रोकर और रिस्क एडवाइजर फर्म है. मिंट में प्रकाशित इस रिपोर्ट के कुछ अंश के अनुसार, एशिया की 5 में से 3 यानी करीब 64 फीसदी कंपनियों ने माना है कि उन पर साइबर हमला हुआ है. 68 फीसदी कंपनियों ने प्राइवेसी ब्रीच और 58 फीसदी कंपनियों ने रैंसमवेयर को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया है.

साइबर सुरक्षा को लेकर कितनी आश्वस्त कंपनियां
मार्श और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा किए गए सर्वे से जुड़ी यह रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई थी. इस सर्वे में 660 उत्तरदाताओं ने भाग लिया था. इनमें से 69 फीसदी का मानना था कि वे अपने संगठन की साइबर हमलों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता से संतुष्ट हैं. हालांकि, 48 फीसदी ने ये भी कहा कि उन्हें संगठन की साइबर में सुधार की गुंजाइश दिखती है. इस स्टडी के अनुसार, प्राइवेसी ब्रीच और डेटा चोरी होना एशियन कंपनियों की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा संबंधी चिंता है. वैश्विक स्तर पर कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता रैनसमवेयर है.

अन्य कुछ आंकड़े
सर्वे में शामिल 26 फीसदी ने अपने कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरणों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. वहीं, 31 फीसदी ने डेटा प्रोटेक्शन क्षमताओं में कोई सुधार नहीं किया है. 35 फीसदी उत्तरदाताओं ने साइबर सुरक्षा की तरफ तभी ध्यान दिया जब कहीं इस संबंध में कोई विषम घटना हुई. यह वैश्विक औसत (17 फीसदी) के दोगुने से भी अधिक है. वहीं, केवल 12 फीसदी एशियाई कंपनियां यह देखती हैं कि उनका फाइनेंशियल एक्सपोजर साइबर रिस्क के खिलाफ कितना सुरक्षित है. जबकि वैश्विक औसत 26 फीसदी है.

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