भारत को कृषि प्रधान देश ऐसे ही नहीं कहा गया है. तमाम एक्सपर्ट और आर्थिक मामलों के जानकार बताते हैं कि अगर भारतीय कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचता है तो इसका खामियाजा पूरी अर्थव्यवस्था को भुगतना पड़ सकता है. इस पर ताजा चिंता मानसून को लेकर है, जो अभी तक उम्मीद के मुताबिक नहीं दिखा है.
भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए मानसून इसलिए भी काफी अहमियत रखता है, क्योंकि यहां सालभर में होने वाली कुल बारिश का 70 फीसदी पानी सिर्फ मानसून में बरसता है. इतना ही नहीं 60 फीसदी कृषि योग्य भूमि की सिंचाई भी मानसून की बारिश से ही होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल फरवरी-मार्च में ही तापमान बढ़ने से पहले ही कृषि क्षेत्र पर मुसीबत आ चुकी है, अब खराब मानसून को झेलना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए किसी आपदा से कम नहीं होगा.