भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि महंगाई अभी और बढ़ेगी. उनका कहना है कि मुद्रास्फीति अभी अपने चरम पर नहीं पहुंची है. राजन ने यह बातें अमेरिका में इनफ्लेशन के आंकड़े आने के बाद कही हैं.
यूएस में मई का इनफ्लेशन डेटा शुक्रवार को जारी किया गया. अप्रैल में यह 8.3 फीसदी था जो मई बढ़कर 8.6 फीसदी हो गया. इसी के साथ यूएस में महंगाई 4 दशक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई है.
यूएस के संदर्भ में कहा कि मंदी से बचने के लिए फेडरल रिजर्व (यूएस का रिजर्व बैंक) को बड़े कदम उठाने होंगे. साथ ही उन्होंने यूरोपीयन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) को लेकर कहा कि उनके पास बहुत विकल्प नहीं बचे हैं. बकौल राजन, यूरो में कमजोरी से आयातित मुद्रास्फीति का खतरा बढ़ गया है और समय रहते ईसीबी को कदम उठाने होंगे.
क्रूड ऑयल में तेजी का असर बाकी
राजन ने कहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का कुछ असर होना अभी और बाकी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय बाजार में गिरावट आई है और आगे भी यह गिरावट जारी रह सकती है. रघुराम राजन फिलहाल यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं. उन्होंने 2008 में वित्तीय संकट के बारे में पहले ही संकेत दे दिया था. इसके अलावा भारत में आरबीआई के गवर्नर पद पर रहते हुए उन्होंने बैंकों के डूबे कर्ज की समस्या को उजागर किया था.
भारत में मुद्रास्फीति
मई में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़कर 7.79 फीसदी हो गया. इससे खुदरा महंगाई दर का पता लगाया जाता है. मई 2014 के बाद यह सर्वाधिक सीपीआई दर्ज किया गया. इस बीच मई से जून तक आरबीआई महंगाई को काबू करने के लिए 2 बार रेपो रेट बढ़ा चुका है. आरबीआई ने 4 मई को 0.40 फीसदी और 8 जून को रेपो रेट में 0.50 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की थी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले समय में आरबीआई दरों में और वृद्धि करेगा.