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2023 तक अंतरिक्ष से लेकर समुद्र की गहराई तक पहुंचेगें मानव मिशन, जल्दी ही लागू होगी नीली आर्थिक नीति

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अंतरिक्ष एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री का कहना है कि 2023 तक भारत पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के साथ साथ पहले मानव महासागर मिशन को लॉन्च करने का गौरव भी हासिल कर लेगा. दिल्ली में विश्व महासागर दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष और समुद्री मानव मिशन अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुका है, उम्मीद है कि 2023 के मध्य तक देश एक उपलब्धि हासिल करने में कामयाब हो जाएगा. 2023 की शुरुआत में मानवयुक्त पनडुब्बी का समुद्र की 500 मीटर के उथले पानी वाले संस्करण का परीक्षण होने की उम्मीद है, इसके बाद गहरे पानी वाली मानवयुक्त पनडुब्बी मतस्य 6000 2024 की दूसरी तिमाही तकर परीक्षण के लिए तैयार होगी.

इसी तरह गगनयान के मामले में भी क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन की जांच के लिए 2022 की दूसरी छमाही में पहला मानवरहित मिशन निर्धारित किया गया है, इसके बाद 2022 के अंत में दूसरा मानवरहित मिशन किया जाएगा. इसमें इसरो का विकसित किया हुआ एक मानव रोबोट भेजा जाएगा. और आखिर में 2023 को पहला मानवयुक्त मिशन गंगायान शुरु होगा. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार जल्दी ही नीली आर्थिक नीति को लागू करेगी, जिसकी मदद से 2030 तक समुद्र से जुड़े उद्योंग में करीब 4 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा.

उन्होंनें कहा कि सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने पिछले साल जून में गहरे समुद्र मिशन के लिए पांच साल के लिए 4,077 करोड़ रूपए का बजट पेश किया था. जिसके तहत विभागों को 1000 और 5500 मीटर की गहराई के बीच स्थित कोबोल्ट क्रस्ट, हायड्रो-थर्मल सल्फाइड, गैस हायड्रेट, पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल और दूसरे गैर जीवित संसाधनों की खोज का कार्य सौंपा जाएगा. उनका कहना था कि भारत में समुद्री व्यापार को अपनी पूरी क्षमता पर पहुंचाने की ज़रूरत हैं क्योंकि समुद्र से हमें जीवित और गैर जीवित संसाधन मिलते हैं, जिसमें मतस्य पालन से लेकर समुद्री जैव प्रौद्योगिकी, खनिज और अक्षय उर्जा तक शामिल है.

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