बुधवार को आरबीआई की पॉलिसी रेट अथवा रेपो रेट तो बढ़ा दिए, लेकिन कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कोई बदलाव नहीं किया. इसका सीधा असर पॉलिसी की घोषणा खत्म होने के साथ ही बैंकिंग सेक्टर के शेयर्स पर दिखा. सुबह लगभग सभी बैंक लाल निशान में ट्रेड हो रहे थे, मगर कुछ ही देर में सभी शेयर ऊपर की तरफ भागने लगे. हालांकि दोपहर 12 बजे के बाद एक बार फिर बैंकिंग शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई.
बैंक निफ्टी तो दोपहर बाद फिर नेगेटिव हो गया, लेकिन पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने तीन बजे तक भी अच्छी बढ़त बनाए रखी. PSU Banks में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और केनरा बैंक ने अच्छी रैली दिखाई. प्राइवेट बैंक्स की बात करें तो कारोबारी सेशन के खत्म होने तक HDFC बैंक ही अच्छी बढ़त बरकरार रख पाया.
कैसे है बैंकों के लिए अच्छी खबर
बाजार के जानकारों का कहना है कि रेपो रेट बढ़ाने और CRR में कोई बढ़ोतरी न करने का आरबीआई का फैसला बैकिंग सेक्टर को पसंद आया है. एनालिस्ट का कहना है कि यह एक अच्छी बात है कि आरबीआई ने ग्रोथ की संभावना को पूरी तरह से नहीं नकारा है. महंगाई घटती है तो एक बार फिर हमें ग्रोथ में रफ्तार आती नजर आ सकती है. इस स्थिति में इकोनॉमी में कर्ज की मांग बढ़ती नजर आएगी, जिसका फायदा बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा.
बैंकों के लिए विन-विन सिचुएशन
मनीकंट्रोल की एक खबर के मुताबिक, GCL Securities के रवि सिंघल का कहना है कि आज की आरबीआई के पॉलिसी के ऐलान में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है और CRR में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उम्मीद है कि इससे बैकिंग बिजनेस को फायदा होगा. CRR में बढ़ोतरी न किए जाने से बैकों के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा कर्ज होगा. वहीं रेपो रेट में बढ़ोतरी को देखते हुए वह अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकेंगे. यह स्थिति बैकिंग सेक्टर के लिए बेहतर है.