भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के निदेशक मंडल ने चालू वित्त वर्ष में विदेशी बाजारों से बांड के जरिये दो अरब डॉलर या 15,430 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है. सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक इस राशि का इस्तेमाल अपना विदेशी कारोबार बढ़ाने में करेगा. एसबीआई ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने एक या कई किस्तों में कोष जुटाने की मंजूरी दे दी है.
जनवरी 2021 में, इस बैंकिंग दिग्गज ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को दिए गए रिकॉर्ड लो कूपन पर 4600 करोड़ रुपए जुटाए थे. इसने साढ़े पांच साल की अवधि के बांड 1.8 प्रतिशत के कूपन पर बेचे, जो कथित तौर पर इस श्रेणी में किसी भी भारतीय उधारकर्ता द्वारा सबसे कम रेट था. इसने बांड बिक्री के लिए 2 अरब डॉलर की बोलियां प्राप्त की थी
बॉन्ड क्या होता है ?
बॉन्ड कंपनी और सरकार के लिए पैसा जुटाने का एक माध्यम है. बॉन्ड से जुटाए गया पैसा कर्ज की श्रेणी में आता है. कंपनी अपने कारोबार के विस्तार के लिए समय-समय पर बॉन्ड से पैसा जुटाती है. सरकार भी आय और खर्च के अंतर को पूरा करने के लिए कर्ज लेती है. वह बॉन्ड के जरिए यह कर्ज लेती है. सरकार जो बॉन्ड जारी करती है, उसे गवर्नमेंट बॉन्ड कहते हैं.
अगर निवेशक के नजरिए से देखा जाए तो बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है. खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है. कारण यह है कि इनमें सरकार की गारंटी होती है. कंपनी का बॉन्ड उसकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सुरक्षित होता है. इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति ठोस है तो उसका बॉन्ड भी सुरक्षित होगा. कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने पर उसके बॉन्ड को सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है. कंपनी के बॉन्ड को कॉर्पोरेट बॉन्ड कहा जाता है.
एसबीआई ने आज ही बढ़ाई हैं जमा पर ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कई थोक सावधि जमाओं (FD) पर ब्याज में 0.4 से लेकर 0.9 प्रतिशत की वृद्धि की है. बैंक ने मंगलवार को कहा कि दो करोड़ रुपये और उससे अधिक की सावधि जमा पर संशोधित ब्याज दरें 10 मई से प्रभावी हैं.एसबीआई ने सात से 45 दिन की जमा पर ब्याज दरों को तीन प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. वहीं 46 से 179 दिन की परिपक्वता अवधि की जमा पर अब तीन के बजाय 3.50 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा.