कोरोना महामारी के इस दौर में पैसों की जरूरत के लिए कई लोगों ने अपनी आवासीय संपत्ति बेची है या बेचने की योजना बना रहे होंगे. इसके अलावा कई ऐसे भी लोग हैं जो अब बड़े मकान में शिफ्ट होने की तैयार कर रहे होंगे. ऐसे लोगों ने अगर अपना पुराना मकान बेचा है और उन्हें बिक्री पर लाभ हुआ है तो सरकार टैक्स भी वसूलेगी.
दरअसल, मकान बेचकर होने वाले लाभ पर आयकर विभाग टैक्स वसूलता है. अगर आपने मकान से हुए मुनाफे का खुलासा भी नहीं किया और न ही टैक्स देनदारी की गणना की है तो विभाग आपको नोटिस भी भेज सकता है. हालांकि, आयकर विभाग ने करदाताओं को इस देनदारी से बचने का विकल्प भी दिया है. इन आसान विकल्पों को अपनाकर आप भी इस टैक्स से पूरी तरह बच सकते हैं.
दो तरह से लगता है टैक्स
आयकर मामलों के जानकार गिरीश नारंग का कहना है कि मकान बेचने से होने वाले लाभ पर दो तरह से कर की गणना की जाती है. अगर आपने मकान दो साल अपने पास रखने के बाद बेचा है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लिया जाएगा और 24 महीने से पहले ही मकान बेच दिया तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. शॉर्ट टर्म में बिक्री से हुए मुनाफे पर टैक्स बचत का कोई तरीका नहीं है और इसे आपकी अतिरिक्त आय माना जाएगा. साथ ही इस पर अपने स्लैब के हिसाबे से टैक्स का भुगतान भी करना होगा.
वैसे अंतिम टैक्स देनदारी सभी तरह के निवेश के बाद बनती है तो दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की राशि को जीवनबीमा, मेडिक्लेम, पीपीएफ आदि में निवेश कर सकते हैं. साथ ही इस पर मंहगाई के सापेक्ष इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा.