यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) अब निर्णायक दौर में पहुंच गया है. मारियुपोल पर कब्जा करने के लिए रूसी सैनिक इस शहर को घेरे हुए हैं. लेकिन यूक्रेन की सेना एक टुकड़ी रूस सरेंडर करने की चेतावनी के बावजूद मोर्चे पर डटी हुई है. सेना के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि उनकी सेना अंतिम दिनों का सामना कर रही है, आखिरी घंटों का नहीं. हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे लेकिन सरेंडर नहीं करेंगे.
वहीं, पश्चिमी देशों ने रूस से मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को फाइटर जेट दिए हैं. कीव को नए हथियार सौंपने का यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रूस को अलग-थलग करने के लिए उठाया गया कदम है.
पेंटागन ने कहा कि, यूक्रेन को हाल ही में अपनी वायु सेना को मजबूत करने के लिए लड़ाकू विमान और पुर्जे मिले हैं, हालांकि विमानों की संख्या और इससे संबंधित जानकारी देने से इनकार कर दिया.
उधर डोनबास पर नियंत्रण के बाद अब रूस मारियुपोल पर कब्जा करना चाहता है. इस बीच मॉस्को ने इस शहर में तैनात यूक्रेनी सुरक्षाबलों से आत्मसमर्पण करने को कहा है. पुतिन ने उन सभी यूक्रेनी
सैनिकों के लिए मानवीय गलियारा खोलने की घोषणा की, जो अपने हथियार डाल देंगे.
मॉस्को द्वारा जारी की गई इस चेतावनी की समय सीमा जैसे-जैसे नजदीक आती गई, तो अज़ोवस्टल बिजली संयंत्र में घिरे एक कमांडर ने मदद के लिए गुहार लगाई, उन्होंने कहा कि, शायद हमारे नौसैनिक आखिरी दिनों का सामना कर रहे हैं, घंटों का नहीं. 36वीं सेपरेट मरीन ब्रिगेड के सेरही वोलिना ने कहा कि, हम सभी ग्लोबल लीडर्स से हमारी मदद करने का अनुरोध करते हैं.
वहीं मारियुपोल के मेयर के एक सलाहकार ने एक “भयानक स्थिति” के बारे में बताया कि 2,000 लोगों तक – ज्यादातर महिलाएं और बच्चे – पीने के पानी, भोजन और ताजी हवा की आपूर्ति के बिना जी रहे हैं.