नई-दिल्ली (19-04-2022) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा आयोजित सेमिनार ‘स्प्रिंग मीट’ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी की आलोचना की है. अमेरिका में हो रहे इस सेमिनार में उन्होंने कहा कि कहा कि बैठक में शामिल सभी सदस्य देशों के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा खतरा उसका आतंक के वित्तपोषण और धनशोधन के लिए इस्तेमाल होना है.
उन्होंने कहा कि इसका इकलौता जवाब है तकनीक के माध्यम से रेग्युलेशन. उन्होंने कहा टेक्नोलॉजी से रेग्युलेशन इस प्रकार का होना चाहिए कि वह पिछड़े नहीं बल्कि चीज़ों को अपने नियंत्रण में ले. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश सोचता है कि वह अकेले इस संभाल लेगा तो ऐसा संभव नहीं है. इस पर सभी देशों को मिलकर काम करना होगा.
लेनदेन का पता लगाने के लिए लागू किया टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा है कि क्रिप्टकरेंसी से लेनदेन करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए सरकार ने इस पर 30 फीसदी टैक्स लगाया है. इस यह पता चल सकेगा कि कौन लोग लेनदेन में शामिल हैं. उन्होंने कहा, “हम इलेक्ट्रॉनिक कोड में किए जा रहे इस इन लेनदेन को कैसे ट्रैक कर सकते हैं. इसी कारणवश हमने इस पर टैक्स लगाया ताकि पता लगाया जा सके कि कौन इसे बेच और कौन खरीद रहा है.
भारत में डिजिटलाइजेशन
निर्मला सीतारमण ने बैठक में भारत द्वारा पिछले कुछ वर्षों में डिजिटलाइजेश की ओर उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने टेक्नोलॉजी को अपनाने में बेहतर प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि अगर 2019 का डेटा देखा जाए तो भारत में डिजिटलीकरण की दर 95 फीसदी थी जबकि उसी दौर में यह दुनियाभर में 64 फीसदी थी. उन्होंने कहा कि महामारी ने हमें सिखाया कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आसान है और आम आदमी आसानी से इसे यूज़ कर सकता है. गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण इस वक्त अमेरिका में हैं और वह आईएमफ द्वारा आयोजित स्प्रिंग बैठकों में हिस्सा लेंगी.
सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि भारत में इस वक्त सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं. उन्होंने कहा कि भारत में 4 में से 1 स्टार्टअप फिनटेक और लगातार यूनिकॉर्न बन रहे हैं. बकौल वित्त मंत्री देश में पिछले 3-4 सालों में करीब 20 स्टार्टअप यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक का बाजार मूल्यांकन) बने हैं.