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ई-केवाईसी सुविधा हुई बंद, अब किसानों को सीएससी पहुंचकर पूरी करानी होगी प्रक्रिया

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केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत राशि प्राप्त करने के लिए किसानों की ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है. हालांकि, इस घोषणा के बाद से पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवाईसी का विकल्प भी बंद कर दिया गया है. वेबसाइट के अनुसार, अब लाभार्थी किसानों को अपने नजदीकी सीएससी केंद्र जाकर बायोमेट्रिक आधारित केवाईसी कराना होगा.

इससे पहले किसान आधार आधारित केवाईसी घर बैठे पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से कर सकते थे. इसमें आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता था जिसके आधार पर केवाईसी पूरा होता था. लेकिन इसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है.

11वीं किस्त के लिए केवाईसी जरुरी
सरकार ने अभी तक योजना के तहत मिलने राशि की 11वीं किस्त किसानों के खाते में नहीं भेजी है. खबरों के अनुसार, इसके इसी महीने आने की उम्मीद है. हालांकि, अगर आपका केवाईसी पूरा नहीं है तो आपको किस्त नहीं मिलेगी. इसके लिए आप अपने नजदीकी सीएससी जाएं और ऑपरेटर से आग्रह करें कि ऑफलाइन केवाईसी करवाना चाहते हैं. जहां आपका ई-केवाईसी और आधार ऑथेंटिफिकेशन पूरा होगा. गौरतलब है कि इस योजना के तहत सरकार पात्र किसानों के खाते में हर 4 महीने में एक बार 2,000 रुपये की आर्थिक मदद भेजती है. यानी सरकार हर वित्त वर्ष में पात्र किसानों को 6 महीने की आर्थिक मदद मुहैया कराती है. यह पैसा डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे किसानों के खाते में पहुंचता है.

कई अपात्र किसानों के खाते में गई आर्थिक मदद
दरअसल, पीएम किसान सम्मान निधि की 10वीं किस्त कई ऐसे किसानों के खाते में चली गई थी जो इस योजना के लिए पात्र नहीं थे. गौरतलब है कि 2019 में शुरू हुई इस योजना के तहत सरकार अब तक अपात्र किसानों को 4,350 करोड़ रुपये दे चुकी है. केंद्र ने अब राज्य सरकारों को इन किसानों से वसूली करने को कहा है. इस योजना के पात्र वे लोग नहीं हैं जिनके परिवार के सदस्य सरकारी नौकरियों (ग्रुप डी छोड़कर) में हैं या ऐसे किसान जिनके घर का कोई सदस्य या वह खुद एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं. इसके अलावा ऐसे पेंशनधारक जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से अधिक है वे भी इस योजना के जरिए लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं. इसके अलावा भी अन्य कई लोगों को इस योजना के बाहर रखा गया है.

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