न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता पाने में भारत के सामने अड़चनें खड़ी करने वाले चीन जैसे देशों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नाम लिए बिना निशाना साधा. लोकसभा में जयशंकर ने कहा कि एनएसजी के लिए भारत की मेंबरशिप को लेकर कुछ देशों की वाजिब चिंताएं हैं, लेकिन कुछ देश ऐसे हैं, जिनका अपना एजेंडा है और वो हमारे रास्ते का रोड़ा बन रहे हैं.
लोकसभा में मास डिस्ट्रक्शन एंड देयर डिलीवरी सिस्टम (प्रोहिबिशन ऑफ अनलाफुल एक्टिविटीज) अमेंडमेंट बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को विदेश मंत्री ने कहा कि किसी भी देश को एनएसजी का सदस्य बनने के लिए आम सहमति की जरूरत होती है. आप में से बहुत से लोग जानते हैं कि हमारे मामले में यह आम सहमति क्यों नहीं बन पा रही है. कुछ ऐसे देश हैं, जिनकी चिंताएं जायज हैं और वो इस पर बातचीत करना चाहते हैं. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जो अपने अलग अजेंडे पर काम कर रहे हैं और इस आम सहमति की राह में रोड़े अटका रहे हैं.
न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता पाने में भारत के सामने अड़चनें खड़ी करने वाले चीन जैसे देशों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नाम लिए बिना निशाना साधा. लोकसभा में जयशंकर ने कहा कि एनएसजी के लिए भारत की मेंबरशिप को लेकर कुछ देशों की वाजिब चिंताएं हैं, लेकिन कुछ देश ऐसे हैं, जिनका अपना एजेंडा है और वो हमारे रास्ते का रोड़ा बन रहे हैं.
लोकसभा में मास डिस्ट्रक्शन एंड देयर डिलीवरी सिस्टम (प्रोहिबिशन ऑफ अनलाफुल एक्टिविटीज) अमेंडमेंट बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को विदेश मंत्री ने कहा कि किसी भी देश को एनएसजी का सदस्य बनने के लिए आम सहमति की जरूरत होती है. आप में से बहुत से लोग जानते हैं कि हमारे मामले में यह आम सहमति क्यों नहीं बन पा रही है. कुछ ऐसे देश हैं, जिनकी चिंताएं जायज हैं और वो इस पर बातचीत करना चाहते हैं. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जो अपने अलग अजेंडे पर काम कर रहे हैं और इस आम सहमति की राह में रोड़े अटका रहे हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को लोकसभा में इसी का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं. 2014 के बाद की हमारी स्थिति में काफी बदलाव आया है. हम मिसाइल तकनीक कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर), वासेनार ग्रुप और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप के सदस्य बन गए हैं. इससे दुनिया में हथियारों की दौड़ रोकने, निरस्त्रीकरण और प्रसार व्यवस्था व प्रयासों में हमारा योगदान काफी बढ़ गया है. हमारी प्रतिष्ठा में भी काफी इजाफा हुआ है. जयशंकर ने उम्मीद जताई कि जनसंहार के हथियारों और उनके डिलीवरी सिस्टम (गैरकानूनी गतिविधियां निषेध) संशोधन अधिनियम के पास होने से भारत की न सिर्फ अंदरूनी सुरक्षा में इजाफा होगा, बल्कि दुनिया में प्रतिष्ठा और बढ़ जाएगी.