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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अमेरिका को क्यों दिलाई 9/11 की याद

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रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते यूक्रेन को पश्चिमी सहायता पर अभी कई मामलों में स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. 21 दिन पहले शुरू हुए इस युद्ध का आधार नाटो (NATO) के जरिए अमेरिका का रूस की सीमा तक आने का प्रयास बताया गया था. वहीं यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता हासिल करना अपनी सुरक्षा के अधिकार का मामला बताया. युद्ध जारी रहने केबाद भी रूस यूक्रेन के बीच बातचीत के कई दौर हो चुके हैं. यूक्रेन की सहायता के लिए भी पश्चिमी देश अपने तरीके से मदद भी कर रहे हैं. हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने अमेरिकी कांग्रेस को दिए अपने संबोधन में 9/11 के हमले का भी जिक्र किया.

क्या है हमले की वजह
जेलेंस्की का अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन के संबोधन में प्रमुख जोर यूक्रेन के ऊपर नो फ्लाई जोन का ऐलान करने पर रहा. अमेरिका शुरू से ही ऐसा करने से बचता आ रहा है. उसका और नाटो का मानना है कि अगर ऐसा किया गया तो यह रूस पर हमला माना जाएगा और इससे तृतीय विश्वयुद्ध के छिड़ने की संभावना बहुत अधिक हो जाएगी.

दो खास घटनाओं का जिक्र
जेलेंस्की ने एक बार फिर से नो फ्लाई जोन की मांग की है और इसके लिए उन्होंने अपना पक्ष मजबूत रखना का भी भरपूर प्रयास किया है. उन्होंने अमेरिका को उन हालातों की याद दिलाने का कोशिश की है जब नो फ्लाई जोन का ऐलान करना पड़ता है. इसके लिए उन्होंने अमेरिकी इतिहास की दो खास घटनाओं का चुनाव किया.

9/11 और पर्ल हार्बर
जेलेंस्की ने कांग्रेस में अमेरिकियों को साल 2001 में 11 सितंबर को हुए अल कायदा के हमले की याद दिलाने के साथ द्वितीय विश्व युद्ध में पर्ल हार्बर पर हुए हमले की याद दिलाई और कहा कि यूक्रेन इस समय इसी तरह की त्रासदी से गुजर रहा है. ऐसे में तीखे रूसी हमलों के चलते नो फ्लाई जोन का ऐलान बहुत जरूरी है.
पर्ल हार्बर की घटना
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1941 में जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया था जिसके बाद अमेरिका ने जापान पर परमाणु हमला करने का फैसला कर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे. इस हमले के बाद ही जापान की द्वितीय विश्व युद्ध में हार हो गई थी और उसने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था.

क्या हुआ था 11 सितंबर 2001 को
वहीं 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में चार हवाई जहाजों का अपहारण कर सुनियोजित आत्मधाती आतंकी हमले किये गए थे जिसमें उसने न्यूयॉर्क और पेंटागन की इमारतों को ध्वस्त कर दिया. अमेरिका ने इस घटना को खुद पर हमला माना था और आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया में युद्ध छेड़ दिया था.

वहीं अहमियत यूक्रेन को दे अमेरिका
जेलेंक्सी ने अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन का भी अभी वैसा ही हाल है और इन हालात में ऐसे ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए जैसे अमेरिका ने तब की थी. जेलेंस्की चाहते थे अमेरिका यूक्रेन पर हुए हमले को भी उसी तरह का महत्व दे. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को नो फ्लाई जोन की जरूरत है, अलग यह बहुत ज्यादा है तो उसे फाइटर जेट मुहैया कराए जाएं.

अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा, “हम जानते हैं कि हमें किस तरह के डिफेंस सिस्टम की जरूरत है. हमें एस300 या उसके जैसा ही डिफेंस सिस्टम चाहिए होगा. हमारा देश इस समय काले दौर से गुजर रहा है और ऐसा हमारे लिए ही नहीं, पूरे यूरोप के लिए है. इसलिए मैं आपसे और ज्यादा करने की मांग करता हूं. जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने आसामानों को मौत का स्रोत बना दिया है.

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