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SBI का अनुमान, सरकार घर चलाने के लिए दे सकती है 50 हजार रुपये का तोहफा

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भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट ईकोरैप (SBI Research Report- Ecowrap) के मुताबिक, देश का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी (GDP) वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 5.8 फीसदी की दर से बढ़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ग्रामीण गरीबों को 50 हजार रुपये तक आजीविका कर्ज की पेशकश कर सकती है.

देश की अर्थव्यवस्था 20211-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी थी. हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में इससे पिछली तिमाही के 20.1 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम थी. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस यानी एनएसओ (NSO) 28 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान घोषित करेगा.

एसबीआई रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया, ‘एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए अनुमानित जीडीपी की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहेगी. पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.3 फीसदी से घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया गया है.’

नाउकास्टिंग मॉडल औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतकों पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुधार का आधार अभी व्यापक होना बाकी है, क्योंकि निजी खपत महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले कम है. रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार ग्रामीण गरीबों को 50 हजार रुपये तक आजीविका कर्ज की पेशकश कर सकती है.

भारत की अर्थव्यवस्था बड़े देशों में सबसे तेज गति से बढ़ेगी: वित्त मंत्रालय रिपोर्ट

गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के मुताबिक आम बजट 2022-23 में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था बड़े देशों में सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगी. समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पीएलआई योजनाओं और बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक पूंजीगत निवेश के चलते मैन्युफैक्चरिंग और निर्माण क्षेत्र वृद्धि के मुख्य वाहक होंगे.’

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के जरिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य और आय हस्तांतरण से कृषि क्षेत्र में भी लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अभी तक एकमात्र बड़ा और प्रमुख देश है, आईएमएफ ने जिसका वृद्धि अनुमान 2022-23 के लिए बढ़ाया है. गौरतलब है कि आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए अपने वैश्विक वृद्धि अनुमान को घटा दिया है.

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