मध्य प्रदेश (MP) के सरकारी स्कूल (MP School) में नवीन तैयारी की गई है। दरअसल राज्य शासन की तरफ से सरकारी स्कूलों को लेकर नए नियम तय किए जा रहे हैं। नए नियम के मुताबिक अब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्हें स्थानीय बोली (regional dialect) में पाठ पढ़ाया जाएगा। इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र (state education center) द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है।
दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत MP School 1 से 8वीं तक के बच्चों को लेकर बड़ी तैयारी की गई है। अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के साथ ने स्थानीय बोली में पाठ पढ़ाया जाएगा। मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में बोली जाने वाली कई क्षेत्रीय बोलियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों में मालवी, निवाड़ी, बुंदेलखंडी और बघेली बोली जाती है। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में कोरकू, भीली, सहरिया , बैगा, भिलाला, बारेली और गोंडी आदि बोलियां बोली जाती है।
अब राज्य शिक्षा केंद्र की तैयारी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी हिंदी भाषा के साथ स्थानीय भाषा का ज्ञान देने की भी है। मामले में अधिकारियों का कहना है कि इस प्रयोग का उद्देश्य बच्चों को स्थानीय बोली से जुड़ाव बनाए रखने का है ताकि उन्हें अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति में रुचि आए और वह इसे आगे लेकर जाएं। वही इस पहल के तहत राज्य शिक्षा केंद्र स्कूली बच्चों के लिए कहानी उत्सव स्थानीय बोली प्रतियोगिता भी आयोजित करवाएगा इसके लिए स्कूल शिक्षा केंद्र द्वारा शिक्षण सामग्री तैयार करने की कवायद शुरू कर ली गई है।