MBBS Course : नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमसी (NMC) ने मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट कोर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में फेल हुए तो सेकेंड ईयर में एडमिशन नहीं मिल सकेगा. इस फैसले से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के 83 हजार छात्र प्रभावित होंगे. मेडिकल एजुकेशन के एक्सपर्ट की इस नए नियम को लेकर मिली-जुली राय है. फायदे की बात करें तो एक्सपर्ट का कहना है कि इससे फर्स्ट ईयर की पढ़ाई को छात्र गंभीरता से लेंगे. वहीं, नुकसान यह है कि यदि कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी सप्लीमेंट्री एग्जाम देरी से करवाती है और रिजल्ट आने में देरी होती है तो सेकेंड ईयर की पढ़ाई का नुकसान होगा. सेकेंड ईयर की क्लासेज पहले ही शुरू हो चुकी होंगी.
रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल मेडिकल कमीशन ने यह एडवाइजरी आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में हुई एक सुनवाई के बाद लिया है. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में डॉ. एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के उन छात्रों ने याचिका दायर की थी जो फर्स्ट ईयर में पास नहीं हो सके थे. उन्होंने याचिका में कोर्ट से फर्स्ट ईयर में फेल छात्रों को प्रमोट करने के लिए एनटीआर यूनिवर्सिटी और एनएमसी को निर्देश देने की मांग की थी. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी थी.
इसके बाद छात्रों ने एकल पीठ के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी. उनका कहना था कि एकल पीठ छात्रों की उन मुश्किलों को समझ पाने में असफल रही है जो उन्होंने महामारी के दौरान झेला है. हालांकि डिवीजन बेंच ने भी एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर कर दिया