दस साल पहले जापान (Japan) में एक भूकंप की वजह से एक भयानक सूनामी (Tsumami) आई जिसने जापान के कुछ तटीय इलाकों को तबाह कर दिया जिसमें जापान का फुकुशिमा (Fukushima) शहर भी था. सुनामी से हुई भारी तबाही के साथ साथ दुनिया के लिए चिंता का विषय फुकुशिमा का परमाणु ऊर्जा संयंत्र था जिसमें सुनामी की वजह से दरार आ गई थी. यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद हुए दस साल का समय हो गया है. फुकुशिमा का परमाणु ऊर्जा से बंद है. लेकिन अब फुकुशिमा के आसपास के लिए यह एक बार फिर से चिंता की वजह बन गया है क्योंकि इस संयंत्र का संक्रमित पानी अब छोड़ने की तैयारी हो रही है.
किसानों का डर
उत्तरी जापान के उत्तरपूर्वी फुकुशिमा के किसानों के अपने उत्पादों के संक्रमित होने के डर सता रहा है. उन्हें लगता है कि अगर एक दशक पहले बंद हुए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का पानी छोड़ा गया तो उनके उत्पाद की कीमतों में भारी अंतर आ सकता है. जापान की योजना है कि फुकुशिमा संयंत्र की सफाई के तहत वहां से 10 लाख टन संक्रमित पानी समुद्र में 2023 को छोड़ दिया जाए.
स्थानीय मछुआरों और किसानों की चिंता
जापान की इस योजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है, लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. पड़ोसी देश चीन और दक्षिण कोरिया से चिंता के स्वर निकल रहे हैं, तो वहीं स्थानीय मछुआरों और किसानों में चिंता की लहर दौड़ गई है. नाशपाती उगाने वाले किसा और स्थानीय कृषि सहकारिता के उप प्रमुख हीरोआकी कुसानो ने बताया, “ इस दुर्घटना के बाद हम अपने उत्पादों की कीमतें सामान्य होते देख ही रहे थे. लेकिन अब हमें पानी के छोड़े जाने से अपनी छवि को नुकसान पहुंचते देखना होगा.
नाशपातियों की कीमतें
टोकियो मैट्रोपॉलियन सेंट्रल होलसेल बाजार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2011 के भूकंप और सुनामी बाद से पिछले साल पहली बार फुकुशिमा के नाशपातियों की औसत कीमतें दूसरे प्रांत के नाशापातियों की तुलना में बेहतर हुए थे. इस हादसे के एक साल बाद यही कीमतें दूसरे प्रांतों की तुलना में 20 प्रतिशत कम हो गई थी.
बड़ी मात्रा में उत्पादन
फुकुशिमा के उत्पादों को बहुत से रेडियोधर्मी जांचों से गुजरना होता है. बाहर जाने से पहले भी जांच होती है. पिछले एक दशक में स्थानीय उत्पादों को भी लगातार नियमित टेस्टिंग प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा है. फुकुशिमा में साल 2020 में 13 हजार टन नाशपाती का उत्पादन हुआ था जिससे वह जापान का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र बन गया था.
संयंत्र बंद करने का अहम चरण
फुकुशिमा के दाईची संयंत्र की सफाई की काम टोक्यो की एक विद्युत कंपनी करने जा रही है. इसें 12 मीटर लंबे एक हजार टैंक में इतना पानी होता है कि ओलंपिक तैराकी के 1200 स्विमींग पूल भर सकते हैं. संयंत्र के संक्रमित इलाकों में से पानी के गुजरने के बाद की स्थिति संयंत्र बंद करने की अहम अवस्था होती है. इससे साफ करने के लिए जगह मिल जाती है.
पानी को बनाया गया है छोड़ने लायक
पानी से रेडियोधर्मी संक्रमण को निकालना आसान है, लेकिन उससे ट्राइटियम नहीं हटाया जा सकता है. इस पानी को इतना विरल कर दिया जाता है जिससे वह अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्तर का हो जाता है और उसे महासागर में छोड़ा जा सकता है. इसी पानी को साल 2023 में छोड़ने की बात हो रही है. इस काम को अंजाम देने वाली कंपनी का कहना है कि कंपनी ने अभी तक 89 अरब डॉलर आपदा के नुकसान की भरपाई के लिए दिए हैं.
ऐसा दुनिया में पहली बार नहीं हो रहा है. दुनिया के दूसरे परमाणु संयंत्र भी नियमित रूप से इस तरह का पानी छोड़ते रहे हैं. लेकिन विशेषज्ञों की चिंता यह है कि यह पानी दस सालों से ऐसा ही पड़ा है इसलिए इस पानी की गुणवत्ता की पूरी जांच होनी चाहिए. लेकिन किसानों का कहना है कि उनकी चिंता संवेदनशील ग्राहकों की है जो जांच पड़ताल के बाद ही उत्पाद खरीदते हैं. उन्हें सिर्फ बताया जा सकता है कि उत्पादन में सभी सावधानियां और जांच की गई है, लेकिन अंतिम निर्णय तो ग्राहक को ही करना है.