Civil Services Exam: सिविल सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग के बारे में सभी प्रतियोगी जानते हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि ऐसा ही कुछ मुख्य परीक्षा के साथ भी है. वहां इसे ‘निगेटिव मार्किंग‘ न कहकर ‘पेनाल्टी मार्क्स‘ कहा गया है. लेकिन एक अच्छी बात यह है कि बहुतों को इस पेनाल्टी मार्क्स की जानकारी न होने के बावजूद वे इस तरह की गलतियाँ करने से खुद को बचाये रखते हैं. लेकिन सब ऐसा नहीं कर पाते.
इस तरह की कई मार्क्स सीट्स देखने में आईं है कि स्टूडेन्ट के 5 से लेकर 25 मार्क्स तक कम किये गये हैं. इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह कि यदि इसमें से उसके दो मार्क्स कम कटे होते, तो उसका नाम सफल लोगों की सूची में दर्ज हो जाता.
जानकारी के अभाव में होती हैं गलतियां
जाहिर है कि इस तरह की गलतियां या तो ज्ञान न होने के कारण होती हैं, या फिर भावनात्मक आवेश में आकर उत्तर-पुस्तिका के साथ कुछ खिलवाड़ कर बैठने के कारण. मार्क्सशीट के एक कॉलम में दण्ड के बतौर दिये गये अंक लिखे होते हैं. फिर टोटल के बाद एक छोटी सी पंक्ति अंग्रेजी में लिखी होती है, जिसका हिन्दी रूप होगा ‘निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण.
नोटिफिकेशन में होती है सारी जानकारी
ऐसा नहीं है कि आयोग इसके बारे में अचानक कुछ निर्देश तैयार करता है. इसके बारे में यूपीएससी ने बड़े विस्तार, स्पष्टता एवं उदाहरण के साथ परीक्षा संबंधी नोटिफिकेशन में बता रखा है. लेकिन प्रतियोगी उन्हें पढ़ने की तकलीफ नहीं करते, और फिर बाद में अपने जीवन भर के लिए एक मानसिक तकलीफ मोल ले लेते हैं. ये निर्देश, जो प्रतियोगियों को नहीं करने हैं, और सतर्कता रखनी है, बहुत सरल और व्यावहारिक हैं. यदि हम इन निर्देंशों के मर्म को एक वाक्य में समेटना चाहें, तो कह सकते हैं कि “उत्तर-पुस्तिका में ऐसा कुछ मत करो (लिखो), जिससे तुम्हारी पहचान व्यक्त होती हो.”
उदाहरण के रूप में कॉपी के मुखपृष्ठ पर कोई धार्मिक अथवा अन्य चिह्न बना देना, कॉपी के अंत अथवा कहीं भी परीक्षक से अनुरोधमूलक बातें लिखना आदि. यहां तक कि यदि प्रतियोगी उत्तर लिखते समय अलग-अलग रंग की स्याही या पेन का उपयोग करता है, हाशिये वाले स्थान पर कुछ लिखता है, अपने निर्धारित माध्यम के अतिरिक्त भाषा के अन्य माध्यम में उत्तर लिखता है, उसकी हैण्डराइटिंग पढ़ने योग्य नहीं है, तथा वह कॉपी में मुद्रित प्रश्न को काटकर वहां अपनी पसन्द का प्रश्न लिखकर उसका उत्तर लिखता है, तो वह प्रत्येक गलती के लिए पांच अंकों के दण्ड का भागी होता है.
आमतौर पर होती हैं ये गलतियां
यहां तक देखा गया है कि हड़बड़ी या असावधानीवश परीक्षार्थी उत्तर-पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर मांगी गई जानकारियां देने में गलतियां कर बैठते हैं. जैसे रोल नम्बर के स्थान पर अपना नाम लिख देना आदि. ऐसा करने पर भी उन पर पेनाल्टी लग जाती है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि परीक्षार्थी आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों को ध्यान से पढ़कर उनका अक्षरशः पालन करें.