किसानों (Farmers) की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) योजना की शुरुआत की. योजना का लाभ हर किसान को मिल सके इसके लिए सरकार ने हर एक किसान के खाते में पैसे भेज दिए, लेकिन अब यही योजना उन किसानों के लिए मुसीबत बन गई है जो किसान आयकर दाता हैं. अब ऐसे किसानों से सासम्मान सम्मान निधि नोटिस भेज कर वापस मांगी जा रही है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में ऐसे किसानों की संख्या 1621 हैं, जिन्हें 1 करोड़ 34 लाख रुपए से ज्यादा की राशि वापस करनी है.
छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की, लेकिन अब यही योजना कुछ किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. दरअसल योजना की शुरुआत में ही सरकार ने आनन-फानन में हर एक किसान के खाते में सम्मान निधि की राशि भेजना शुरू कर दी, लेकिन जब इनकम टैक्स विभाग ने जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिल रहा है जो आयकर दाता हैं. इस बात का खुलासा होने के बाद अब सरकार ने आयकर दाता किसानों से सम्मान निधि वापस लेने की शुरुआत भी कर दी है.
किसानों में हड़कंप
जबलपुर जिले में 1621 से ज्यादा किसानों को नोटिस मिलने के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई है. इन किसानों को पीएम सम्मान निधि की राशि लौटाने नोटिस दिया गया है. जिले के ये किसान आयकर दाता की सूची में शामिल हैं. योजना के तहत करीब 1 करोड़ 34 लाख रुपए से ज्यादा की राशि इन किसानों के खातों में पहुंची है. अब इस राशि को वापस लाने के लिए अधिकारियों ने जद्दोजहद शुरू कर दी है. जबलपुर जिले में 1 लाख 84 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि मिलती है. इस योजना में किसानों के खातों में साल में 6 हजार रुपए की राशि केन्द्र जबकि 4 हजार की राशि राज्य द्वारा जमा की जाती है. इस योजना में नियम यह था कि ऐसे किसान जिनकी भूमि 5 एकड़ के लगभग हो और वह आयकर दाता न हो उन्हें लाभ दिया जाना है. लेकिन योजना का लाभ कई ऐसे किसानों ने भी ले लिया जो पात्र नहीं थे.