दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेशों के बाद गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council) में नियुक्त किये चार सदस्यों को आज शपथ दिलाई गई. एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में पालिका परिषद की विशेष बैठक में इन सभी ने शपथ ग्रहण की. परिषद के सदस्य और उपाध्यक्ष के रूप में सतीश उपाध्याय ने शपथ ली. उपाध्याय को परिषद का उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है.
नई दिल्ली से सांसद और पालिका परिषद सदस्य व केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने बैठक की अध्यक्षता की. सभापति के रूप में लेखी ने सतीश उपाध्याय के अलावा कुलजीत सिंह चहल, विशाखा सैलानी और गिरीश सचदेवा को भी शपथ दिलाई है. इस अवसर पर एनडीएमसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र के अलावा पालिका परिषद के दो अन्य आधिकारिक सदस्य और भारत सरकार (Government of India) के आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव डी. थारा और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East MCD) के आयुक्त विकास आनन्द भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों को नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम-1994 की धारा -4 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए 26 अगस्त, 2021 को राजपत्र अधिसूचना जारी करने के माध्यम से नामित किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका
दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बीते 17 अगस्त को NDMC के चार सदस्यों को नामित नहीं करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और एनडीएमसी को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 तय की थी. एनडीएमसी क्षेत्र के दो निवासियों द्वारा वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी के मार्फत यह याचिका दायर की गई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को ही इन चार सदस्यों को नामित कर दिया गया. मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय को एनडीएमसी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा, पार्टी के प्रदेश महासचिव कुलजीत सिंह चहल, पूर्व उपाध्यक्ष विशाखा सैलानी और गिरीश सचदेवा को अन्य सदस्यों के रूप में नामित किया गया है. ये नामांकन लगभग दो साल बाद किए गए हैं.
नामित सदस्यों पर याचिकाकर्ताओं के वकील अमित साहनी ने जताई थी नाखुशी
इन नामांकनों पर याचिकाकर्ताओं के वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने नाखुशी जताते हुए कहा था कि ‘माननीय दिल्ली हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एनडीएमसी सदस्यों और उपाध्यक्ष को केंद्र द्वारा नामित किया गया, लेकिन सभी मानदंडों का उल्लंघन प्रतीत होता है, क्योंकि ये नामांकन सीएम अरविंद केजरीवाल के परामर्श से किए जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपाध्यक्ष समेत सभी मनोनीत सदस्य बीजेपी से जुड़े हैं, लिहाजा केंद्र ने ऐसा कर केवल औपचारिकता को पूरा किया है.’