संसद के मानसून सत्र के अंतिम चरण के दौरान बुधवार और गुरुवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्षी पार्टियों के सांसदों द्वारा जमकर हंगामा किया. सदन के अंदर के मर्यादा किस तरह से तार तार हुई पूरे देश ने देखा. सांसदों पर कार्रवाई के संकेत सभापति वेंकैया नायडू (M.Venkaiah Naidu) ने पहले ही दे दिए थे. अब इस मुद्दे पर चर्चा करने लिए सभापति ने रविवार को अपने वरिष्ठ मंत्रियों की मीटिंग बुलाई. यह बैठख उनके आवास पर हुई.
सदन में हंगामें के दौरान मौजूद रहने वाले उपसभापति हरिवंश नारायण और बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा भी बैठक में भाग लेने पहुंचे. इसके साथ ही इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, अर्जुन राम मेघवाल और भूपेंद्र यादव भी शामिल हुए.
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर कांग्रेस, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्ष के 12 सांसदों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इसके अलावा बीजेपी सांसदों की ओर से अलग से भी शिकायत भी दर्ज कराई गई है. सूत्रों ने कहा कि इस मामले को देखने के लिए लगभग छह सदस्यों की एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें ज्यादातर एनडीए से होंगे और इसकी अध्यक्षता डिप्टी चेयरमैन हरिवंश करेंगे.
बता दें कि सदन की मर्यादा को भंग करने के आरोप में सरकार ने राज्यसभा के सभापति के हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी ताकि भविष्य में फिर कभी देश को शर्मसार करने वाली घटनाएं न हों.
सांसदों के खिलाफ सुरक्षा अधिकारों ने भी की शिकायत
बता दें कि 11 अगस्त के हंगामें को लेकर कई सुरक्षा अधिकारियों ने भी सभापति से शिकायत की थी. सदन की एक महिला सुरक्षा अधिकारी ने शिकायत की थी कि महिला सांसद छाया वर्मा और फूलो देवी उनके बाल खींचने की कोशिश की थी, जिससे उन्हें चोटें आईं. एक अन्य सुरक्षाकर्मी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सीपीएम सांसद एलाराम करीम ने कुछ सेकंड के लिए उनका गला घोंटने की कोशिश की, जिससे उनकी सांस फूल गई.
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