मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ट्रांसफर की खबरों के बीच फर्जी सिफारिश गैंग भी सक्रिय हो गई है. प्रदेश भर में इस गैंग का तगड़ा नेटवर्क है. यह गैंग अधिकारी और कर्मचारियों की ट्रांसफर (Transfer) की फर्जी सिफारिश सांसद, मंत्री और विधायकों के फर्जी लेटर हेड पर कर रहा है. सीएम हाउस में जब बड़ी संख्या में फर्जी सिफारिश के लेटर हेड पहुंचे तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. अब भोपाल क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch) मामले की जांच कर रही है. अभी तक की जांच में 12 से ज्यादा जिलों से इस गैंग का कनेक्शन सामने आया है. प्राथमिक जांच में सिफारिश कराने वाले 30 कर्मचारियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है.
क्राइम ब्रांच ने भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, रोडमल नागर सहित विधायक रामपाल सिंह एवं मंत्री मोहन यादव, भूपेंद्र सिंह और महेंद्र सिसौदिया के फर्जी लेटर हेड पर तबादले की सिफारिश करने वाले 30 अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. सीएम ऑफिस से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी कर सभी 30 कर्मचारियों से पूछा है कि आखिर उन्होंने अपने आवेदन कब और किसके माध्यम से भिजवाए हैं.
12 जिलों में फर्जीवाड़े का खुलासा
फर्जी तबादला सिफारिश पत्र लिखवाने के मामले में 12 से ज्यादा जिलों का कनेक्शन सामने आया है. इन जिलों से अधिकारी कर्मचारियों ने फर्जी सिफारिश पत्र लिखवाकर आवेदन अपने विभाग प्रमुख और सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय भिजवा दिया था. इन जिलों में विदिशा, देवास, सीधी, बड़वानी, आगर मालवा, रीवा, छतरपुर, सीहोर, उज्जैन, हरदा और होशंगाबाद शामिल है.