कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार के मद्देनजर सोमवार से दिल्ली मेट्रो ने पूर्ण क्षमता के साथ परिचालन शुरू कर दिया यानी अब सभी सीटों पर बैठकर लोग यात्रा कर पाएंगे, लेकिन खड़े होकर यात्रा करने पर अब भी पाबंदी है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) कोविड-19 के कारण लंबे समय के बाद मेट्रो सेवाएं बहाल होने पर सात जून से 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ ट्रेनों का परिचालन कर रहा है.
यात्रियों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर 16 मेट्रो स्टेशन पर 16 अतिरिक्त द्वार भी खोल दिए गए हैं, ताकि यात्रियों की आवाजाही को सुलभ बनाया जा सके. डीएमआरसी ने पहले ही 260 द्वार यात्रियों के लिए खोल रखे थे, अब इनके अलावा 16 और द्वार यात्रियों के लिए खोले गए हैं. अब लोग सभी स्टेशनों पर 276 द्वार का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इन स्टेशनों पर अतिरिक्त गेट खोले गए – डीएमआरसी ने कहा कि जिन स्टेशनों पर अतिरिक्त द्वार खोले गए हैं, उनमें जनकपुरी पश्चिम, करोल बाग, वैशाली, कश्मीरी गेट, केन्द्रीय सचिवालय और एमजी रोड शामिल हैं. दिल्ली में अप्रैल और मई महीने में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों और मौत की संख्या में वृद्धि देखी गई थी. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में स्थिति में सुधार आया है, जिसके बाद सरकार चरणबद्ध तरीके से शहर को दोबारा खोल रही है. नवीनतम अनलॉक दिशानिर्देश के तहत राष्ट्रीय राजधानी की जीवनरेखा दिल्ली मेट्रो का परिचालन सोमवार से शत प्रतिशत सीट क्षमता के साथ करने की घोषणा की गई है, लेकिन यात्रियों को खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वहीं, डीएमआरसी ने सेवा के थोड़ी देर प्रभावित होने के संबंध में सुबह आठ बजे ट्वीट किया ‘‘ सोमवार सुबह करीब छह बजकर 42 मिनट पर हल्के झटकों के कारण मानक प्रक्रिया के अनुरूप ट्रेनों को सतर्क गति से चलाया गया और अगले प्लेटफॉर्म पर रोका गया। सेवाएं अब सामान्य हैं.’’
सूत्रों ने पहले बताया था कि प्रत्येक डिब्बे में 50 लोग ही यात्रा कर सकते हैं. इससे पहले एक डिब्बे में 300 लोग यात्रा करते थे, 50 सीट पर बैठकर और 250 लोग खड़े होकर यात्रा करते थे. डीएमआरसी ने लोगों से अवश्यक होने पर ही यात्रा करने की अपील की है. डीएमआरसी में 242 स्टेशनों में 10 लाइनें हैं, और गुड़गांव में रैपिड मेट्रो सहित कुल 264 स्टेशन हैं.