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कुछ मंत्रियों का कटेगा पत्ता, पायलट कैंप को मिलेगी जगह- राजस्थान कांग्रेस को आलाकमान से मुहर का इंतजार

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पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझने के बाद अब हाईकमान ने राजस्थान को लेकर कवायद तेज कर दी है. राज्य में सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पेच फंसा हुआ है. हालांकि इस बीच राजस्‍थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मंत्री मंडल में फेरबदल की चर्चा के लिए जयपुर में डेरा डाले हुए हैं. यही नहीं, दोनों सीएम अशोक गहलोत के साथ शनिवार को कई घंटे न सिर्फ चर्चा की बल्कि मंत्रिमंडल विस्‍तार पर भी मंथन हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, राजस्‍थान के कुछ मौजूदा मंत्रियों का पत्ता कटेगा, तो पायलट कैंप को जगह मिलेगी. हालांकि इन सभी फैसलों का ऐलान कांग्रेस हाईकमान की अनुमति के बाद ही किया जाएगा.

बहरहाल, सीएम अशोक गहलोत के साथ मंथन के बाद राजस्‍थान के प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल आज दोहपर अंतिम नामों की सूची लेकर दिल्ली लौटेंगे. इसके बाद वह कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ही मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की सूची पर अन्तिम फैसला लेंगे. यही नहीं, सोनिया गांधी की हरी झंडी के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक मंत्रिमंडल फेरबदल के लिए तारीख तय करेंगे.

इसी हफ्ते होगा विस्‍तार
सूत्रों की मानें तो गहलोत मंत्रिमंडल का इसी सप्ताह विस्तार हो सकता है, क्‍योंकि शनिवार देर रात तक सीएम गहलोत के साथ माकन और वेणुगोपाल ने एक-एक नाम पर चर्चा की. इसमें कुछ नये चेहरों को शामिल करने के साथ कुछ मंत्रियों को हटाने पर भी मंथन हुआ है. यही नहीं, इस दौरान गहलोत गुट के अलावा पायलट गुट के विधायकों के नामों पर चर्चा हुई. जबकि माकन और वेणुगोपाल ने मौटे तौर एक सूची बना ली, अब इस पर सचिन पायलट की भी राय ली जाएगी. वैसे पायलट का आज टोंक दौरे का कार्यक्रम है, लेकिन पीसीसी में विधायकों और पदाधिकारी की बैठक के चलते दौरा टल सकता है. बता दें कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के अलावा हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जानी हैं.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मसले के समाधान के बाद अब सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का पूरा फोकस राजस्थान को लेकर है. पार्टी आलाकमान ने अजय माकन से साफ कहा है कि राजस्थान के सियासी मसले का समाधान जुलाई में ही हो जाना चाहिए.

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