रायपुर, नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में 200 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खुलेगा। इसके लिए नगरनार स्टील प्लांट के पास 23 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। निर्माण की जिम्मेदारी एनएमडीसी को सौंपी गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई बस्तर और दक्षिण क्षेत्र तथा सरगुजा और उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों की बैठक में 31 अगस्त तक टेंडर करने कहा गया। निर्माण नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है। मंत्रालय में शनिवार को आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की 24वीं बैठक हुई। बताया गया कि पहले हुई बैठकों में 213 कार्य कराने का निर्णय हुआ था। इनमें से 91 प्रतिशत यानी 194 पूरे हो गए हैं। शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना के तहत हितग्राहियों का चयन 3 माह में पूरा करने और बाकी 9 माह में दुकान निर्माण पूरा करने का फैसला हुआ। फ्लोराइड प्रभावित बैलाडीला और दल्लीराजहरा के 6 गांवों में सोलर पंप के जरिए पानी सप्लाई होगी। इसके लिए 62 करोड़ 37 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इससे 32 गांवों को साफ पानी मिलेगा। वहीं सभी मजरों-टोलों में पेयजल के लिए सोलर पंप लगाने अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि 12 जिलों में अब तक 307 देवगुड़ी निर्माण के लिए 1 करोड़ 53 लाख रुपए मंजूर किए जाएंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के आश्रम छात्रावालों में पेयजल, शौचालय और बिजली व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। इन संस्थाओं में छोटे-मोटे मरम्मत कार्य जल्द कराने कहा गया। गौरतलब है कि इसके लिए 50 सीट वाले छात्रावास, आश्रम के अधीक्षक को 25 हजार और 100 सीट या उससे अधिक के आश्रम-छात्रावास अधीक्षक को 40 हजार रुपए सालाना दिए जाते हैं। दोनों प्राधिकरणों की बैठकों में आश्रम शालाओं और छात्रावासों में बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल, शौचालय और बिजली की व्यवस्था के बारे में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सरगुजा प्राधिकरण की बैठक में जंगली हाथियों से पीड़ित गांवों में चौबीसों घंटे निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारियों से कहा कि वे इस पर विशेष रूप से ध्यान दें। बैठक में जंगली हाथियों रेडियो कॉलर लगाने के बारे में भी चर्चा की गई, ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। सरगुजा प्राधिकरण की बैठक में प्राधिकरण क्षेत्रों के कई जिलों के कुछ इलाकों की मानव बसाहटों में बंदरों और भालुओं के कारण हो रही समस्याओं इस पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा – वन क्षेत्रों में हाथियों, बंदरों, भालुओं और दूसरे वन्य प्राणियों के लिए उपयोगी खाद्य वृक्ष अधिक से अधिक संख्या में लगवाएं जाएं, ताकि इन जंगली जीवों का मानव आबादी की ओर आना कम हो सके।