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खुद को CMHO ऑफिस का बताकर इंजेक्शन की 6 वायल के लिए 40 हजार रुपए लिए, युवती की मां ने दम तोड़ा, फिर भी नहीं मिली डोज

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जयपुर में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की 6 वायल देने का झांसा देकर युवती से 40 हजार रुपए ठग लिए गए। खास बात यह है कि ठगी करने वालों ने खुद को सीएमएचओ (चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) ऑफिस का कर्मचारी बताया था। महावीर कैंसर हॉस्पिटल प्रबंधन ने मरीजा का पूरा विवरण देते हुए सीएमएचओ ऑफिस को इंजेक्शन के लिए ई-मेल किया था। सवाल यह उठता है कि ईमेल की जानकारी ठगों तक कैसे पहुंची। ठगों ने 6 इंजेक्शन की डिलीवरी देने का झांसा दिया और 40 हजार रुपए ले लिए। इंजेक्शन फिर भी नहीं दिए। तीन दिनों तक युवती की मां तड़पती रही। बाद में दम तोड़ दिया। मालवीय नगर निवासी सुरभि भार्गव (26) पुत्री अनिल भार्गव ने मां की मौत होने के बाद ठगी का मामला 9 जुलाई को जयपुर के मालवीय नगर थाने में दर्ज कराया है।

कोरोना होने पर कराया था भर्ती

सुरभि ने रिपोर्ट में बताया कि मां कविता भार्गव को कोरोना होने पर महावीर कैंसर अस्पताल के आईसीयू वार्ड़ में भर्ती करवाया था। 1 जून को डॉक्टरों ने बताया कि कविता को ब्लैक फंगस हो गया है। आईसीयू में फेफड़ों का इलाज शुरू हुआ। कविता की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। उसी दिन डॉक्टरों ने उसे ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की 6 वायल लगातार 5 दिनाें तक लगाने की सलाह दी। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि आवेदन करने पर सीएमएचओ की ओर से इंजेक्शन दिए जाएंगे। इसके बाद सीएमएचओ ऑफिस को ईमेल किया गया।
रात को 8 बजे फोन कर 40 हजार रुपए मांगे
1 जून को सुरभि के पास रात करीब 8 बजे अमित वर्मा नाम के युवक का फोन आया। उसने खुद को सीएमएचओ ऑफिस में कर्मचारी बताया। उसने फोन पर कहा कि आपकी मां को इंजेक्शन की जरूरत है। हम आपको इंजेक्शन दे देंगे। उसने 6 वायल के प्रति इंजेक्शन 12 हजार रुपए के हिसाब से 72 हजार रुपए मांगे। उसने 400 रुपए डिलीवरी चार्ज मांगे। मां की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुरभि ने बात मान ली। तब अमित वर्मा ने इंजेक्शन देने के लिए आधी रकम एडवांस में मांगी। सुरभि ने उसके बैंक खाते में फोन-पे के जरिए 20-20 हजार रुपए दे दिए। 2 जून को अस्पताल प्रबंधन ने सुरभि से कहा कि इंजेक्शन का भुगतान उसे अस्पताल के जरिए ही करना होगा। सुरभि ने अमित को फोन कर इंजेक्शन की डिलीवरी के बारे में पूछा।

पूरे रुपए देने पर डिलीवरी का बनाया दबाव

सुरभि को इंजेक्शन की डिलीवरी नहीं मिली तो उसने दोबारा से अमित वर्मा को फोन कर जल्द डिलीवरी देने को कहा। उसने सुरभि से कहा कि जब तक पूरे रुपए नहीं मिलेंगे, डिलीवरी नही होगी। रुपए देने पर अस्पताल में डिलीवरी कर दी जाएगी। संदेह होने पर सुरभि ने उससे आईड़ी कार्ड़ दिखाने को कहा। तब अमित ने कहा कि अगर तुरंत भुगतान नहीं किया तो ये वायल किसी अन्य मरीज को दे दी जाएगी। उसने धमकी देकर कहा कि तुम्हारी मां की जो भी हालत हो। उसने फोन बंद कर दिया। सुरभि ने वापस उसे फोन किया, लेकिन अमित का फोन बंद हो गया।

रुपए वापस मांगे तो फर्जी रसीदें भेजी

सुरभि ने अमित से पुलिस थाने में शिकायत करने की बात बोलकर वापस रुपए मांगे। तब उसने बोला कि रुपए वापस भेज देंगे, शिकायत मत करना। उसके पास एक फर्जी रसीद व्हाटसऐप पर भेज दी, जबकि उसके पास खाते में रुपए नहीं आए। सुरभि ने दोबारा फोन कर रुपए नहीं आने की बात कही। युवक ने दोबारा से उसे भुगतान का एक स्क्रीन शॉट भेजा, लेकिन उसके पास रुपए नहीं पहुंचे। उसने रुपए भी वापस नहीं लौटाए और इंजेक्शन भी नहीं दिए। तीन दिनों तक उसे झांसा देता रहा। 4 जून को उसकी मां की ब्लैक फंगस से मौत हो गई।

पुलिस के पास मदद के लिए भटकती रही

सुरभि ने बताया कि मां की मृत्यु होने के बाद 12 जून को उन्होंने मालवीय नगर पुलिस को घटना की रिपोर्ट दी। इसके बावजूद उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। वह कई दिनों तक रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटकती रही। फिर उसने कोर्ट में इस्तेगासे से ठगी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है।
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