वो खुद को भारतीय सेना के कैप्टन शेखर के तौर पर बताता था, उसके पास आर्मी की एक नकली वर्दी भी थी, इस वर्दी में अपनी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया के ज़रिये शेयर करता था…, इस पूरी जालसाज़ी के ज़रिये उसका मकसद सिर्फ़ लड़कियों को इम्प्रेस करना था! दिल्ली पुलिस ने जब एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, तो उसने यही बताया कि देश ही नहीं, विदेशों तक की लड़कियों को अपने जाल में फंसाने की नीयत से वह यह फ़र्ज़ी पहचान बताता और बनाता रहा. लेकिन, दूसरा एंगल यह है कि इस व्यक्ति के खिलाफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तक सक्रिय हो गई थी और कथित तौर पर इस आदमी को हनी ट्रैप में फंसाने का जाल बिछा रही थी.
साउथ दिल्ली पुलिस ने जब इस नकली आर्मी अफ़सर को गिरफ्तार किया, तो चौंकाने वाले कई फैक्ट्स पुलिस के हाथ लगे. जैसे इसके मोबाइल फोन में देशी विदेशी लड़कियों के नंबरों की भरमार थी. यही नहीं, वह इनके साथ वीडियो कॉल और अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स के ज़रिये लगातार टच में था. फ़ोन में पाकिस्तान के भी कई नंबर मिले. पुलिस की एक थ्योरी है कि इस आरोपी को पाकिस्तान के खुफिया एजेंट किसी तरह हनी ट्रैप में फंसा रहे थे. अब पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है कि यह सिर्फ लड़कियों को रिझाने के लिए किया गया फ़र्ज़ीवाड़ा है या इसका कोई लिंक देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है.
आर्मी का कैप्टन शेखर नहीं, सिक्योरिटी गार्ड है आरोपी
बीते शुक्रवार को साउथ दिल्ली पुलिस को दोपहर करीब 3 बजे सूचना मिली, तो पुलिस ने जाल बिछाकर इस नकली सेना अफसर को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद तलाशी ली गई और इस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया. पता चला कि खुद को कैप्टन शेखर बताने वाला यह शख्स वास्तव में उत्तम नगर के एक स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी करने वाला दिलीप था. इसके पास से सेना की नकली वर्दी, सेना अधिकारी की फ़र्ज़ी आईडी समेत एक मोबाइल फ़ोन इस व्यक्ति के पास बरामद किया गया. इसके फ़ोन में सैकड़ों विदेशी नंबर भी मिले, जिनके साथ यह व्हॉट्सएप के ज़रिये टच में था. यही नहीं, इस आरोपी ने अंतरराष्ट्रीय नंबरों से भी वीडियो कॉल की थी.
कैसे गिरफ्तार किया गया नकली अफसर?
शुक्रवार दोपहर पुलिस को इस तरह के नकली सेना अफसर के सक्रिय होने के बारे में सूचना मिली थी. पुलिस ने इसे फंसाने के लिए पूरा जाल बिछाया था. बताया गया कि गिरफ्तारी से ठीक पहले आरोपी दिलीप अपने फ़र्ज़ी कैप्टन शेखर के भेस में एक लड़की से मिलने और डेटिंग के लिए ग्रेटर कैलाश पहुंचा था. इसी दौरान दक्षिण दिल्ली पुलिस ने इसे पकड़ लिया. दिलीप ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह सेना अधिकारी की पहचान का इस्तेमाल लड़कियों को लुभाने के लिए करता था. पुलिस ने इसके फ़ोन की जांच की, तो पता चला कि यह करीब 100 व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था. पुलिस के लिए चिंता और सघन जाच का पहलू यह है कि आरोपी ने कुछ विदेशी नागरिकों के साथ वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं. साथ ही, इंटरनेशनल नंबरों से आरोपी के पास फ़ोन कॉल्स भी आए हैं.