भारत में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम (Covid Vaccination Drive) को और धार मिलने जा रही है. देश की बड़ी वैक्सीन और दवा कंपनी पैनेसिया बायोटेक (Panacea Biotec) ने रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (Russian Direct Investment Fund-RDIF) के साथ करार किया है. अब पैनेसिया बायोटक हर साल 10 करोड़ वैक्सीन डोज तैयार करेगी. कंपनी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन की एक खेप रूस पहुंच भी चुकी है. वहां पर इसका क्वालिटी चेक किया जाएगा.
RDIF के स्टेटमेंट में कहा गया है कि पैनेसिया बायोटेक वैक्सीन निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है. भारत में रूसी वैक्सीन को बीते 12 अप्रैल को इमरजेंसी यूज की अनुमति दी गई
थी. 1 मई से 18+वालों के वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ ही भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ तीसरी वैक्सीन का भी आगमन हुआ था. हालांकि स्पूतनिक से वैक्सीनेशन 14 मई को ही शुरू हो पाया.
RDIF के सीईओ किरील दमित्रियेव ने कहा है-पैनेसिया बायोटेक के साथ भारत में प्रोडक्शन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम है. स्पूनिक से प्रोडक्शन के साथ भारत को कोरोना के इस बुरे दौर को पीछे छोड़ने में मदद मिलेगी. इसके अलावा वैक्सीन को निर्यात कर दुनिया के अन्य देशों की भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद की जा सकेगी.
91.6% एफिकेसी रेट
बीते फरवरी महीने में स्पूतनिक V ने तीसरे फेज के ट्रायल में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता दिखाई थी. नतीजों में 91.6% एफिकेसी रेट सामने आया था. RDIF ने तब कहा था कि वैक्सीन प्रोडक्शन और वितरण को लेकर भारत प्रमुख सहयोगी है.
रूस ने सबसे पहले की थी वैक्सीन बनाने की घोषणा
रूस ने अगस्त 2020 में दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन बनाने की घोषणा की थी. हालांकि ट्रायल नतीजों को लेकर एक्सपर्ट्स ने चिंता भी जताई थी. भारत में भी इस वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति जनवरी महीने के मध्य में दी गई थी. डीसीजीआई ने डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज़ को कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल करने की अनुमति दी थी.