कोरोना (Corona) के बाद ब्लैक फंगल इंफेक्शन (Black Fungal Infection) के मरीजों की संख्या बढ़ने से सरकार अलर्ट मोड पर है. फंगल इन्फेक्शन की रोकथाम और इलाज के लिए सरकार अमेरिकी एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स की मदद ले रही है. सरकार इसके लिए रोडमैप बना रही है ताकि इस नयी परेशानी को बढ़ने से पहले ही रोक दिया जाए.
भोपाल और जबलपुर में बनेगी यूनिट
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि फंगल इंफेक्शन के लिए सरकार अलर्ट मोड पर है. सरकार ने बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए तैयारी शुरू कर दी है. पहले
फेज में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल और जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में यूनिट शुरू की जा रही है. भोपाल और जबलपुर में 10-10 बिस्तर की यूनिट जल्द ही शुरू की जाएंगी. ब्लैक फंगस इंफेक्शन से निपटने के लिए चार विंग काम करेंगी. इनमें ENT, नेत्र रोग विभाग, न्यूरोलॉजी और मेडिसन को मिलाकर एक यूनिट बनायी गयी है. सर्जरी के लिए नॉन कोविड और कोविड पॉज़िटिव मरीजों के लिए अलग-अलग ऑपरेशन थिएटर (OT) की व्यवस्था भी की जा रही है.
अमेरिकी डॉक्टर मनोज जैन से हुई चर्चा
ब्लैक फंगस के बढ़ते इंफेक्शन को लेकर हमीदिया अस्पताल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और डॉक्टर्स, अधिकारियों की आपात बैठक हुई. इसमें अमेरिकी डॉक्टर मनोज जैन से बीमारी से निपटने के उपाय करने पर डेढ़ घंटे चर्चा हुई है. डॉ मनोज जैन के बताए हुए सुझावों पर अब मध्यप्रदेश में अमल किया जाएगा.
ब्लैक फंगल इंफेक्शन(म्यूकरमाय कोसिस)के बढ़े मरीज़
कोरोना के बढ़ते कहर के बीच ब्लैक फंगस नई मुसीबत बनता जा रहा है. हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के 06 और पालीवाल अस्पताल में 01 मरीज मिला. एम्स में इंफेक्शन से संक्रमित 1 मरीज पहुंचा. वहीं संक्रमित मरीजों में से एक को अपनी आंख गंवानी पड़ी तो दूसरे मरीज की सर्जरी करनी पड़ी. भोपाल के साथ जबलपुर में भी इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.
ओवरडोज का असर
भोपाल, जबलपुर और इंदौर में ब्लैक फंगल इंफेक्शन के मरीजों के आंकड़े अब सामने आने लगे हैं. बताया जा रहा है कोरोना से पीड़ित होने के बाद स्टारायेड के ओवरडोज और ऑक्सीजन के कारण यह फंगस पनपती है. डॉक्टरों की सलाह है कि इस तरह की बीमारियों में बार-बार स्टीम लेना भी ठीक नहीं है और मरीज को एहतियात बरतने की जरूरत है.