रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षताने 6 जुलाई को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कहा कि राज्य में बाढ़-अतिवृष्टि सहित सभी प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए प्रभावी उपाय किए जाएँ । आपदा से निपटने के लिए उपकरण सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जलस्तर पर सतत निगरानी रखी जाए। बैठक में बताया गया कि राज्य में वर्षा और उससे उत्पन्न प्राकृतिक आपदा़ के बचाव के लिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर 01 जून से चौबीसों घण्टे कंटोल रूम का संचालन किया जा रहा है और नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। वर्तमान में राज्य में आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त सख्या में मोटर बोट, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट, गमबुट, मनिला रोप तारपोलिन सहित अन्य उपकरण उपलब्ध है। किसानों की समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर किसान मितान केन्द्र स्थापित किए है, जिसमें राजस्व, कृषि ,सहकारिता, ग्रामीण विकास, सहकारी बैंक एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। सभी जिला कलेक्टरों को किसानों की समस्याओं की काउंसलिंग कर तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए गए है। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2015-16 में 117 तहसील सूखा ग्रस्त थी। इन तहसीलों को फसल क्षति के लिए 512.81 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता राशि दी गई। साथ ही ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में पेयजल के लिए 43.40 करोड़ रूपए दिए गए। वर्ष 2016-17 में बेमेतरा जिले में तीन तहसील, मुंगेली जिले 01 तहसील, बलौदाबाजार जिले में 02 तहसील सूखा प्रभावित थे, जिन्हें फसल क्षति के लिए अनुदान सहायता 64.17 करोड़ रूपए प्रदाय किए गए। बैठक में नवगठित 09 जिलों की जिला आपदा प्रबंधन योजना का अनुमोदन भी किया गया। बैठक में राजस्व मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडे, लोकसभा सांसद श्री विक्रम उसेंडी, विधायक श्री लखनलाल देवांगन, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, राजस्व विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल उपस्थित थे।