मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को एनसीपी नेता अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार से चर्चा के बाद अनिल देशमुख ने दिल्ली जाने का फ़ैसला लिया है. दिल्ली में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ देशमुख बड़े वकील से मुलाक़ात कर सकते हैं.
परमबीर सिंह के वसूली संबंधी आरोपों पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद अनिल देशमुख ने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया.
देशमुख ने त्यागपत्र की एक प्रति ट्वीट की जिसमें उन्होंने कहा कि अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर हाई कोर्ट ने आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. उन्होंने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘अदालत के आदेश के बाद मेरे पास पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. मैंने पद छोड़ने का निर्णय किया है. कृपया मुझे मेरे पद से कार्यमुक्त करें.’’
परमबीर सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्त और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि यह “असाधारण’’ और “अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर पूरी करने और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने का निर्देश दिया.
हाई कोर्ट तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. इनमें एक याचिका खुद सिंह ने जबकि दूसरी याचिका शहर की वकील जयश्री पाटिल और तीसरी याचिका शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी जिनमें अलग-अलग कदम उठाने का अनुरोध किया गया.