ग्राम खरखाभर्री उपरपारा के 20 से अधिक ग्रामीणों को वन विभाग ने वन क्षेत्र में अतिक्रमण करने के मामले में मई महीने में कार्रवाई करते हुए जेल में डाल दिया था। घर के कमाऊ मुखिया के जेल चले जाने से कई परिवारों पर आफत आ गई है। सोमवार को जनदर्शन में गांव के 150 लोग बाल-बच्चों सहित न्याय की मांग करने कलेक्टोरेट पहुंचे।
महिलाओं के साथ प्राइमरी, मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अपने पिता, दादा, बड़े पिता सहित अन्य सदस्यों को छुड़ाने की मांग करने पहुंचे थे। कलेक्टोरेट पहुंची कक्षा 6वीं की देवेश्वरी के दादा, कक्षा 7वीं की वर्षा मरकाम के दादा, कक्षा 5वीं के उमेश कुमार के पिता, कक्षा 7वीं की रंभा नेताम के बड़े पिता, कक्षा 8वीं की पिंकी के पिता, कक्षा 8वीं की खिलेश्वरी के दादा जेल में बंद हैं।
बच्चों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए तंग कर रहे हैं। पिता-दादा जेल में हैं, इसलिए प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। घर में भी इनके बिना मन नहीं लग रहा है। आप सभी को छोड़ दीजिए। कलेक्टर से वन पट्टा अधिकार दिलाने की मांग की।
वन कर्मियों पर लगाया मारपीट व सामान छीनने का आरोप
कलेक्टोरेट पहुंची सतबाई, बिसरी बाई, आशा बाई, सागबती, रामबाई, कुलेश्वरी, रमशीला, सुशीला, मानबाई आदि ने कहा कि वे सभी पुराने कब्जे की भूमि उपरपारा में स्थित है। वहां हमारे पूर्वज तीन पीढ़ी से कास्त करते आ रहे हैं।