केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के एक वर्ग द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के बीच मोदी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. पीएम मोदी ने कहा किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है. यानी इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानी जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगोला (Sangola) से पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शालीमार तक चलने वाली 100 वीं ‘किसान रेल’ (Kisan Rail) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. प्रधानमंत्री ने रेल रवाना करने के बाद कहा कि कोरोना की चुनौती के बाद भी चार महीने में किसान का ये रेल नेटवर्क 100 के आंकड़े तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र के किसानों को बंगाल के और बंगाल के किसानों को महाराष्ट्र तक अपनी उपज पहुंचाने की सुविधा मिल गई है. देश को जोड़ने वाली ट्रेन अब किसानों के माल को भी यहां से वहां तक पहुंचा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे छोटे और सीमांत किसानों को भी फायदा पहुंच रहा है क्योंकि इसमें माल की कोई सीमा नहीं रखी
गई है. यानी कि उपज का छोटा हिस्सा भी बड़े बाजारों में पहुंच रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे पता चला है कि एक किसान के अनार का 3 किलो का कंसाइनमेंट और एक मुर्गी पालक का 17 दर्जन अंडों का कंसाइनमेंट भी इस ट्रेन के माध्यम से पहुंचाया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यस्था में बड़ा बदलाव आएगा. इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी. ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. लेकिन ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं. किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है.
किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज
पीएम मोदी ने कहा किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है. यानी इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानी जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब किसान रेल जैसी सुविधा से पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है. और ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है. वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के ज़रिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूर के बाजार तक अपनी फसल को पहुंचाने में ही उसका किराये भाड़े में बहुत खर्च हो जाता था. इसी समस्या को देखते हुए 3 साल पहले हमारी सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू के ट्रांसपोर्टेशन पर 50% सब्सिडी दी थी.
भारतीय कृषि में हो रहा टेक्नोलॉजी का समावेश
पीएम मोदी ने कहा कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है. स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं. उन्होंने कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं. आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.
100वीं किसान रेल गोभी, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मिर्च और प्याज जैसी सब्जियां तथा अंगूर, संतरा, अनार, केले तथा सीताफल जैसे फल लेकर जाएगी. खराब हो जाने वाली वस्तुओं को मार्ग में पड़ने वाले सभी ठहरावों पर उतारने और चढ़ाने की अनुमति होगी और खेप की मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी. केंद्र ने फलों और सब्जियों की ढुलाई पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी है.
गौरतलब है कि पहली किसान रेल सात अगस्त को देवलाली से दानापुर के बीच चलाई गयी थी जिसे बाद में मुजफ्फरपुर तक बढ़ा दिया गया. पीएमओ ने कहा कि किसानों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया के बाद इसके फेरे साप्ताहिक सेवा से बढ़ाकर एक सप्ताह में तीन बार कर दिये गये. केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के एक वर्ग द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के बीच मोदी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.