रायपुर, रविवासरीय संगीत सभा में “गुनारासपिया फाउंडेशन की 13 वी संगीत सभा में जबलपुर प्रसिद्ध कलाकार एवं गुरु विलास मंडपे ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी” है, गुनरस पिया फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में फेसबुक पेज पर प्रातः कालीन सभा में भातखंडे संगीत महाविद्यालय के व्याख्याता सुप्रसिद्ध गायक एवं वरिष्ठ गुरु विलास मंडपे ने सुंदर शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया, उन्होंने पहले बड़ा ख्याल-राग गुर्जरी तोड़ी में, एकताल में ‘हरि को नाम सुमिर ले’, इसके पश्चात ताल-त्रिताल में छोटा ख़्याल “कान भनकवा परीलो री माई” प्रस्तुत की। साथ ही चंद्रशेखर सेन द्वारा रचित बंदिश जो कि-राग बैरागी भैरव,ताल-तीन ताल में ‘सुन साध रे चतुर गुनी गावे’ सुनाया गया, इसके बाद “राग-कलावती में गुनरस पिया द्वारा रचित तराना-तान देर ना तना तना, ताल-त्रिताल में प्रस्तुत किया गया, कार्यक्रम का समापन उन्होंने रागभैरवी से किया। संगत पर तबला जबलपुर के राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध कलाकार प्रदीप रानाडे एवं हारमोनियम पर वरिष्ठ व प्रसिद्ध कलाकार विजय चाँदोरकर ने सधी हुई एवं सुंदर संगत की, कार्यक्रम में श्री मंडपे ने पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास के साथ की बहुत सी पुरानी यादें भी साझा कीं, श्रोताओं ने पूरे कार्यक्रम में लगातार तारीफ़ें और अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कार्यक्रम की जानकारी संयोजक दीपक व्यास द्वारा प्रेषित की गई।