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औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्योग निकायों के साथ आयुष मंत्रालय का हुआ एम.ओ.यू.

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नईदिल्ली 24-09-2020: आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एन.एम.पी.बी) ने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों के तहत प्रमुख आयुष और हर्बल उद्योग निकायों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, हस्ताक्षर करने वाले उद्योग निकायों में ए.डी.एम.ए (आयुर्वेदिक ड्रग निर्माता संघ) मुंबई, ए.एम.ए.एम (एसोसिएशन फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन) नईदिल्ली, ए.एम.एम.ओ.आई (आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया) त्रिशूरय ए.एच.एन.एम.आई (एसोसिएशन फॉर हर्बल एंड न्यूट्रास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया) मुंबई, फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज) नई दिल्ली तथा सी.आई.आई (भारतीय उद्योग परिसंघ) नई दिल्ली शामिल थे। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया था, उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय आयुष उद्योग से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगाए बशर्ते वे एक संयुक्त टीम का गठन करें और सामने आने वाली संबंधित समस्याओं के समाधान के साथ संपर्क करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्तमान सरकार आयुष प्रणालियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आयुष उद्योग ने राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड को आश्वासन दिया कि वे राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड समर्थित औषधीय पौधों की खेती और संग्रह करने वाले किसानों तथा संग्रहकर्ताओं को बाय-बैक गारंटी प्रदान करेंगे। एन.एम.पी.बी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जे एल एन शास्त्री ने आयुष मंत्रालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जबकि आयुर्वेदिक ड्रग निर्माता संघ के चंद्रकांत भानुशाली, एसोसिएशन फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन से प्रदीप मुल्तानी, आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया से डॉ. रामनाथन, एसोसिएशन फॉर हर्बल एंड न्यूट्रास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया के संजय मारिवाला, फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज से प्रवीण मित्तल और भारतीय उद्योग परिसंघ से राजीव वासुदेवन ने संबंधित निकायों का प्रतिनिधित्व किया। सभी प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त की किए आयुष मंत्रालय के इस महत्वपूर्ण कदम से आयुष, न्यूट्रास्युटिकल (पौष्टिक-औषधि) और हर्बल उद्योग को गुणवत्ता वाले कच्चे माल की सतत आपूर्ति मिलेगी।

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