रायपुर; 03-06-2020 : मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के विभिन्न मानकों पर लॉक-डाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ का उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के शुरूआती दो महीनों में ही प्रदेश ने साल भर के लक्ष्य का 37 फीसदी काम पूरा कर लिया है, अब तक पांच करोड़ तीन लाख 37 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन कर 25 लाख 97 हजार ग्रामीण श्रमिकों को काम उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान 1114 करोड़ 27 लाख रूपए का मजदूरी भुगतान भी किया गया है। कोविड-19 का संक्रमण रोकने लागू देशव्यापी लॉक-डाउन के बावजूद प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में मनरेगा के अंतर्गत व्यापक स्तर पर शुरू किए कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विपरीत परिस्थितियों में इसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को रोजी-रोटी की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने लॉक-डाउन के दौरान मनरेगा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी अधिकारियों की पीठ थपथपाई है। उन्होंने प्रदेश भर में सक्रियता एवं तत्परता से किए गए कार्यों की सराहना करते हुए सरपंचों, मनरेगा की राज्य इकाई तथा जिला एवं जनपद पंचायतों की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच यह बड़ी उपलब्धि है। उनकी कोशिशों से कोविड-19 से बचाव और लाखों लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही बड़ी संख्या में आजीविकामूलक सामुदायिक एवं निजी परिसंपत्तियों का निर्माण हुआ है।
मनरेगा में 37 फीसदी कार्यपूर्णता के साथ छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर
25.97 लाख ग्रामीणों को काम, 1114 करोड़ का मजदूरी भुगतान