भोपाल, कोरोना से निपटने जहां शासन-प्रशासन के सभी अंग काम कर रहे, वहीं देश में सामाजिक संगठनो ने मदद का बीड़ा उठाया हुआ है, मध्यप्रदेश से प्राप्त ख़बरों के अनुसार ग्वालियर में रेडक्रास ने जरुरतमंदों को घर तक बना हुआ खाना पहुँचाने का कार्य कर रहा है, जिला प्रशासन की मदद से रेडक्रास ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर जरुरतमंदों को यह राहत देने में मदद की है, रेडक्रॉस के सचिव आर. पी. शर्मा टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, सी.एम. हेल्प लाइन, फ़ूड कन्ट्रोलर और जिला प्रशासन द्वारा दिये गए नम्बरों पर जरुरतमंद लोग भोजन के लिए फोन करते हैं। जिला प्रशासन उन नम्बरों को रेडक्रॉस की टीम को उपलब्ध कराता है। रेडक्रॉस की टीम उन नम्बरों की लिस्टिंग कर संबंधितों को फोन करती है। रेडक्रॉस द्वारा शहर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा बनाये गए भोजन को इकट्ठा कर हेल्पलाइन पर मिले नम्बरों पर काल कर बस्तियों और गाँव में जरुरतमंदों को बना खाना वितरित करने का कार्य किया जा रहा है, खाना बांटते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। रेडक्रॉस टीम प्रतिदिन लगभग 500 जरुरतमंद लोगों को बना हुआ स्वादिष्ट खाना पहुंचाया जा रहा है। टीम द्वारा खाने के साथ-साथ जरुरतमंद लोगों को प्रतिदिन करीब 250 मास्क भी वितरित किये जा रहे हैं।
इसी प्रकार पर्वतारोही मेघा परमार और शोभित शर्मा की टीम ने मात्र 10 रुपये में मास्क तैयार किया है। इसे बनाने में केवल एक इलास्टिक की 40 सेंटीमीटर रबड़ए पार्टिसिपल फिल़्म और डबल साइड टेप का उपयोग किया गया है, इस मास्क के जरिये खांसनेए छींकने का असर एक-दूसरे पर नहीं होगा। मेघा और शोभित ने कई दिनों से लगातार इस मास्क को बनाकर अपनी पॉकेट मनी से पुलिस अफसर्स और डॉक्टर्स को दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सराहना की हैए सभी डॉक्टर्स और नर्स इसका उपयोग करने लगे हैं। मेघा और शोभित की टीम सोशल मीडिया पर वीडियो डाल कर लोगों को यह मास्क बनाना सिखा रही है। उन्होंने युवाओं से भी आग्रह किया है कि वे इस तरह के मास्क बनाकर जरूरतमंदों और जवानो को बाँटे। उन्होंने इसको बनाने की विधि इंस्टाग्राम हैंडल Shobhit Sharma official और Meghathemountaineer पर शेयर की है। शोभित नाथ शर्मा एक बिजनेसमैन, पर्वतारोही और बाईक राइडर हैं। सुश्री मेघा परमार प्रदेश की प्रथम महिला पर्वतारोही हैं। सुश्री मेघा 4 अन्य महाद्वीप की भी पर्वतारोही रहीं। मेघा राज्य सरकार की “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना की ब्रांड एम्बेसेडर हैं।
कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में प्रदेश में स्व.सहायता समूह की महिलाओं भी पीछे नहीं है, बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर तैयार कर रही हैं, अशोकनगर में आजीविका मिशन के 19 स्व-सहायता समूह की महिलाएँ मास्क और 2 समूह की महिलाएं साबुन बनाने में दिन-रात मेहनत कर रही है। इससे बना कॉटन मास्क रि-यूजेबल है, आम-जन को यह 10 रुपये प्रति नग मूल्य पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके साथ ही 100 ग्राम वाले साबुन की कीमत 20 रुपये और 50 ग्राम वाले साबुन की कीमत 10 रुपये प्रति नग निर्धारित की गई है। जिले में अब तक इन समूहों की महिलाओं ने लोगों को करीब 46 हजार मास्क और 2500 साबुन उपलब्ध कराये हैं। जनपद पंचायत, महिला-बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों को मास्क की पूर्ति की गई है। ग्रामीणों को भी यह मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। अनूपपुर जिले में नवांकुर संस्था द्वारा मास्क तैयार किये जा रहे हैं। जिले में जन-अभियान परिषद के सदस्यों के माध्यम से 1500 मास्क का नि:शुल्क वितरण किया गया है। परिषद के सदस्य बीमारी से बचाव के लिये ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। दीवार लेखन से भी जन-सामान्य को जागरूक किया जा रहा है। मण्डला जिले में आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पुलिस विभाग को 1500 मास्क उपलब्ध कराये हैं। इसके साथ ही 2000 से अधिक मास्क का निर्माण कर इनका वितरण जिले के विकासखण्डों में किया जा रहा हैं। होशंगाबाद जिले में इन समूह की महिलाएँ सेनिटाइजर एवं मास्क तैयार कर रही हैं। इन्होंने अब तक 78 हजार मास्क और 1200 लीटर सेनिटाइजर तैयार कर आवश्यक सेवाओं से जुड़े सरकारी महकमों के साथ जन-सामान्य को भी उपलब्ध कराये जा रहे है। सीहोर में आजीविका मिशन से जुड़े स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने 4500 मास्क की आपूर्ति की है। इन्होने जिले में प्रमुख स्थलों पर स्टॉल्स भी लगाये हैं, जिन पर उचित दर पर मास्क तथा सेनिटाइजर की बिक्री की जा रही है। श्योपुर में समूह से जुड़ी महिलाओं ने 68 हजार से अधिक मास्क तैयार किये हैं। ये महिलाएँ सेनिटाइजर और साबुन भी बना रही हैं। इनका वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। शाजापुर जिले में 57 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने करीब 80 हजार मास्क बनाए हैं। ये महिलाएं जन-सामान्य को सामाजिक दूरी मेंटेन करने, हाथ धुलाई और मास्क के उपयोग के बारे में भी समझाइश दे रही हैं। इसी प्रकार सागर जिले में कोरोना संकट में जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री और भोजन पैकेट पहुँचाने में ग्रामपूजन पुण्य दल प्रशासन की मदद कर रहा है, दल के सदस्यों ने आपस में एक हजार से दस हजार रूपये तक की राशि को इकट्ठा किया और सामाजिक सरोकार के इस काम में जुट गये। यह दल जरूरतमंदों को प्रतिदिन 100 पैकेट भोजन और कच्चे राशन के पैकेट भी बांट रहा है। दल के सदस्य ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर गरीब परिवारों को राशन सामग्री वितरित कर रहे हैं। राशन सामग्री के पैकेट में आटा, दाल, चावल, शक्कर आदि रखा गया है। खाद्य सामग्री के साथ दो से तीन क्विंटल चारा छोटी ट्रॉली के माध्यम से पशुओं के लिये ग्रामीणों को दे रहे हैं।