नई-दिल्ली, 26-7: , ब्रिक्स देशों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनियाँ, अनेक प्रकार के बदलावों से चौराहे पर है, नई औद्योगिक टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंटरफ़ेस जिस नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं, वह एक अवसर भी है, और एक चुनौती भी, नई प्रणालियों और उत्पादों से आर्थिक प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे। विकास और प्रगति के केंद्र में हमेशा लोग और मानवीय मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं, इसलिए टेक्नोलॉजी जगत में चौथी औद्योगिक क्रांति के उन परिणामों पर भी हमें गंभीर विचार करने की ज़रुरत है, जो हम जैसे देशों की जनता और अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे। अपने भाषण में उन्होंने इस आशय से विचार व्यक्त किये कि शिक्षा और कौशल विकास के लिए हमारी नज़रिए और नीतियों में तेज़ी से बदलाव लाना होगा। स्कूल और यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम को इस तरह बनाना होगा, जिससे ये हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर सकें। हमें बहुत सजग रहना होगा कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आने वाले तेज बदलाव कम से कम उसी गति से पाठ्यक्रमों में स्थान पा सकें। नए अवसरों का उचित उपयोग एक ओर रोजगार मांगने वालों को रोजगार देने वाला बना सकता है, वहीं दूसरी ओर रोजगार विहीनों के लिए सामाजिक सुरक्षा की सशक्त व्यवस्था अनिवार्य होगी। भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के विषय पर ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। इस संबंध में हमें मिलकर बेस्ट प्रक्टिसेस और पॉलिसीस साझा करनी चाहिए।