नई-दिल्ली, प्रधान मंत्री ली और मैंने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर अपनी चिंताओं को साझा किया, यह प्रेस वक्तव्य देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस आशय से कहा है कि मुझे विशेष रूप से हमारे आर्थिक सहयोग अनुबंध की समीक्षा पूर्ण होने पर पर प्रसन्नता है, हम दोनों इस बात पर सहमत हैं, कि दुसरी पूर्ण समीक्षा हमारी मंज़िल नहीं है, एक पड़ाव मात्र है, हमारे अधिकारी शीघ्र ही इस समझौते को और अपग्रेड करने और सुधारने के लिए चर्चा शुरू करेंगे। भारत-सिंगापुर के संबंध सच्चे अर्थों में सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरते हैं, हमारे संबंधों में कोई असहजता नहीं है, बल्कि केवल गर्मजोशी, सौहार्द और विश्वास है। भारत के लिए सिंगापुर विदेशी निवेश का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए हमारा शीर्ष स्रोत है। मुझे प्रसन्नता है कि भारतीय कंपनियां सिंगापुर का उपयोग एशियन क्षेत्र एवं अन्य देशों के लिए इस्प्रिंग बोर्ड के रूप में करती हैं। सिंगापुर की कंपनियों द्वारा भारत में निवेश बढ़ रहा है। भारत की उन्नति सिंगापुर को उसके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतुलनीय अवसर प्रदान करती है। प्रधानमंत्री को सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के प्रमुख के साथ राउंड टेबल पर मुझे भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। भारत और सिंगापुर के बीच हवाई सेवाएँ भी तेजी से बढ़ रही हैं, दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय हवाई सेवा अनुबंध की समीक्षा शुरू करेंगे। अपनी सामरिक साझेदारी में रक्षा और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया है। वक्तव्य के साथ प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री ली के आतिथ्य, सौहार्द्र, भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी सतत चेष्टा और निजी मित्रता के लिए भी आभार प्रकट किया ।