नई-दिल्ली, मिजोरम, आइजॉल में स्थित मिजोरम विश्वविद्यालय में छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए छात्रावास के शिलान्यास तथा अकादमिक और संगोष्ठी केन्द्र के उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य का समग्र विकास होना चाहिए और उसके मस्तिष्क और हृदय में अच्छे गुणों का वास होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बेहतर आधारभूत ढांचा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर स्थितियों का निर्माण करता है, छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मजबूत ढांचे का निर्माण करना किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इससे शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता में सुधार होता है, विश्वविद्यालय के परिसर में मौजूद बेहतर ढांचे और अच्छे वातावरण से छात्रों को अपनी अकादमिक महत्वाकांक्षाओं और सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आज के छात्रों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए कि वे भविष्य की चुनौतियों से निपट सकें, शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ नवीन ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि छात्रों को ऐसे कौशल से पारंगत करना है, जिससे कि वे अपने चुने हुए क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें। उपराष्ट्रपति छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि वे स्वयं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं बल्कि उद्यमी बनकर नौकरी प्रदाता बनाएं, छात्रों के समक्ष कैरियर की कई विकल्प हैं, लेकिन उन्हें उसी क्षेत्र में काम करना चाहिए, जिसके प्रति उनका लगाव हो, उन्होंने कहा शिक्षा हमारे सशक्तिकरण, ज्ञानोदय, सक्षम बनाने के लिए है। इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल ले. जनरल (रिटायर) निर्भय शर्मा तथा राज्य के मुख्यमंत्री लाल थनहवला और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
छात्रों को, उद्यमी और नौकरी प्रदान करने वाला बनना चाहिए : एम. वैंकेया नायडू
मिजोरम विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति ने छात्रों को किया संबोधित