रायपुर(छ.ग.),28-3/ कोई व्यवसायी किसी दूसरे व्यवसायी का जी.एस.टी नम्बर डालकर बिल जारी करेगा, तो उसके खिलाफ जी.एस.टी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस आशय की चेतावनी राज्य-कर आयुक्त के माध्यम से दी गई है, उन्होंने बताया कि बीड़ी कारोबार के एक मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई करते हुए उसकी गिरफ्तारी भी की गई है। बताया गया कि जी.एस.टी अधिनियम के तहत कर बिल अथवा बीजक जारी करने के लिए सुस्पष्ट और विस्तृत प्रावधान किए गए है, इसके अंतर्गत कर-बीजक में विक्रेता का नाम, जी.एस.टी में पंजीयन नम्बर, बीजक क्रमांक, तारीख माल का नाम, टैक्स की दर और टैक्स की राशि इत्यादि का उल्लेख होना चाहिए, लेकिन ऐसी शिकायतें आ रही है कि कुछ व्यवसायियों द्वारा कर कर-अपवंचन की मंशा से किसी अन्य व्यक्ति के जीएसटी नम्बर अंकित कर बीजक जारी किए जा रहे हैं। ऐसा करना जीएसटी अधिनियम के तहत अपराध है। आयुक्त राज्य-कर छत्तीसगढ़ ने सभी ग्राहकों, व्यापारियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अपील की है कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए किसी भी प्रतिष्ठान के जी.एस.टी नम्बर की पुष्टि वेबसाइट डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू डॉट जी.एस.टी डॉट जी.ओ.व्ही डॉट इन ( www.gst.gov.in ) में कर ली जाए, सभी पंजीकृत व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के जी.एस.टी नम्बरों की जानकारी इस वेबसाइट में मिल सकती है, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1800-233-5382 पर सम्पर्क किया जा सकता है। अगर कोई व्यावसायी किसी खरीददार को किसी अन्य व्यवसायी का जी.एस.टी नम्बर अंकित कर देयक जारी करता है, तो उसकी जानकारी भी इस टोल फ्री हेल्पलाइन में दी जा सकती है। इसके अलावा ई-मेल- enforcementho@gmail.com पर भी इस प्रकार की सूचना भेजी जा सकती है।