आम आदमी चाहता है कि उसकी जिंदगी भी दूसरे लोगों की तरह खुशहाल हो, छोटा ही सही लेकिन अपना घर हो, गाड़ी हो। लेकिन आम आदमी के लिए सपने पूरे करना आसान बात नहीं है। गाड़ी या मकान वह कुछ भी खरीदना चाहता है तो निश्चित ही उसे बैंक लोन का सहारा लेना होगा। उसके लोन की ये जरूरत किसी बैंक से ही पूरी हो सकती है इसलिए वह बैंक जाकर लोन दके लिए रिक्वेस्ट करता है। लेकिन उसे लोन इतनी आसानी से नहीं मिल पाता है।
बैंक आपको लोन देने से पहले कई तरह की चीजों की जांच करता है जिसमे वह आपके दस्तावेजों के साथ आपके CIBIL SCORE की भी जांचा करता है। यह शब्द आप में से कई लोगों को कंफ्यूज कर सकता है, क्योंकि कई बार हमें इस बारे में जानकारी नहीं होती है और ये हमारे सपनों में आड़े आता है। आज हम आपको बताते हैं कि यह CIBIL SCORE क्या होता है और आखिरकार इसकी जरूरत क्यों पड़ती है।
सिबिल स्कोर 3 अंक की संख्या होती है जिसकी जांच कर बैंक आपका आकलन करता है । यह 300 से 900 अंक के बीच में निकाली जाती है और इससे व्यक्ति के लोन लेने की योग्यता पता चलती है। अगर किसी का अच्छा स्कोर होता है तो उसे लोन आसानी से अप्रूव कर दिया जाता है। लेकिन अगर किसी का स्कोर अच्छा नहीं होता है तो बैंक उसे या तो लोन देने में दिक्कत करती है या सीधे मना कर देते हैं। आपको बता दें, बैंक और नॉन बैंकिंग लोन अप्रूवल के लिए न्यूनतम सिबिल स्कोर 750 होना चाहिए।
अच्छा क्रेडिट स्कोर 900 स्कोर के करीब माना जाता है। इसके जरिए ही लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ती है। हालांकि 750 का स्कोर भी बेहतरीन स्कोर की रेंज में आता है और बैंक को इससे जानकारी मिलती है कि आप एक भरोसेमंद ग्राहक है। ठीक ऐसे ही अगर 750 से ऊपर का सिबिल स्कोर होता है तो वह आपको पर्सनल लोन दिलवाने में मदद करता है।