भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं कृषक कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देश अनुसार राजस्थान सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम की दर निर्धारित कर दी है. साल 2023 की खरीफ फसल बीमा के लिए पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है. ऋणी किसानों का संबंधित बैंक स्वतः ही प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी को भेज देगी. यदि फसल बीमा ग्राहक ने अपनी फसल बदली है तो 29 जुलाई तक बैंक में बोई गई फसल का ब्यौरा उपलब्ध करा दें ताकि सही फसल का बीमा काटा जा सके और किसान क्लेम से वंचित न हो.
कृषि विशेषज्ञ सुधेश पूनिया ने बताया कि भारत सरकार के नियमानुसार कोई ऋणी किसान फसल बीमा योजना से अलग रहना चाहता है तो संबंधित बैंक शाखा में लिखित में घोषणा पत्र देना होगा. उसका प्रारूप बैंक शाखा में उपलब्ध है. नागौर जिले में फसल बीमा का कार्य रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी की ओर से किया जाएगा. फसल कटाई उपयोग से जानी गई वास्तविक उपज को गारंटी उपज में से घटाने पर जिस नुकसान का आंकलन किया जाता है उसी के आधार पर फसल बीमा का क्लेम तय किया जाता है.
29 जुलाई तक फसल का ब्यौरा देना जरूरी है
बीमित राशि सात बरस में सर्वाधिक उत्पादन वाले पांच वर्षों की उपज को समर्थन मूल्य से गुणा करने के आधार पर दी जाती है. गैर ऋणी किसान भी 31 जुलाई तक कृषि विभाग या बीमा कम्पनी के अधिकृत एजेंट व राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर खरीफ फसलों के लिए बीमा करा सकते हैं. इसके लिए आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक की फोटो कॉपी तथा नवीनतम जमाबंदी आवश्यक है. इसके अलावा सभी किसानों को अपनी बोई गई फसल का 29 जुलाई तक ब्यौरा देना जरूरी है ताकि सही फसल का उचित बीमा किया जा सके.
3 कंपनियां अधिकृत, 9 फसलें हैं शामिल
राजस्थान में इस बार जोधपुर संभाग सहित प्रदेश के 23 जिलों में फसल बीमा के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है. इसके अलावा 7 जिलों के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस तथा 3 जिलों में पहली बार क्षेमा जनरल इंश्योरेंस को मौका दिया गया है. जोधपुर संभाग में 9 फसलें अधिसूचित हुई हैं. इनमें बाजरा, मूंग, मोठ, तिल, ज्वार, चंवला, कपास, मूंगफली, गुंवार आदि फसलें शामिल हैं.