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महंगाई दर मापने के लिए नई तकनीक इस्तेमाल होगी, ऑनलाइन सेवाएं भी होंगी शामिल-सांख्यिकी मंत्रालय

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देशभर में मुद्रास्फीति की दर निर्धारित करने के लिए नए सिरे से कवायद शुरू हो गई है. भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक एन. के. संतोषी ने बताया- केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा महंगाई दर, मुद्रास्फीति के सटीक आंकलन के लिए खुदरा महंगाई दर की पारदर्शिता, निष्पक्षता और त्वरितता लाने के नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं. दैनिक उपभोग की वस्तुओं ईंधन, आटा, दाल, चावल, कपड़े, गहनों के साथ- साथ अब ऑनलाइन बाजार, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन कारोबार की दरों पर भी मॉनिटरिंग की जाएगी.

बाजार में खरीदी जाने वाली वस्तुओं के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और खुदरा मुल्य सूचकांक में वस्तुओं की कीमत के परिणाम में आने वाले अंतर को सटीक और निरपेक्ष परिणाम बनाया जाएगा. होलसेल प्राइस इंडेक्स और कंजूमर प्राइस इंडेक्स की कीमतों के आंकलन के लिए 2300 की जगह 2900 लोकेशन निर्धारित की जा रही हैं. देशभर में सभी राज्यों के महंगाई के आंकड़ों के परिणामों में सटीकता लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र विकसित किया गया है. जिससे मोबाइल एप, कंप्यूटर एवं सोशल मीडिया के जरिए कम समय में बेहतर परिणाम दे सकें.

2011 की जनगणना के आधार पर जारी होंगे आंकड़े
अभी तक मुद्रास्फीति दर की गणना जुलाई 2023 तक वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर की जा रही है. 2021 की जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए जाने के कारण मुद्रास्फीति दर की गणना 2011 में जारी किए गए जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही जारी की जाएगी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक के लिए वास्तविक मुद्रास्फीति आंकलन में पुराना फॉर्मूला लागू होगा लेकिन इसकी तकनीकी और क्षेत्र नए बनाए जा रहे हैं.

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