भारतीय रिजर्व बैंक मई में 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान कर चुका है और इन नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए 30 सितंबर आखिरी तारीख निर्धारित की गई है. लेकिन, लोगों के मन में सवाल है कि क्या इस डेडलाइन को आगे बढ़ाया जाएगा? जनता के इस सवाल को संसद में सांसदों ने सरकार से पूछा है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 2000 के नोटों को बैंकों में जमा कराने की आखिरी तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी यानी 30 सितंबर तक आप अपने पास रखे 2000 के नोट बैंकों में जमा करा दें.
संसद के मॉनसून सत्र में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले समेत कई सांसदों ने 2000 के नोटों को लेकर सरकार से कई सवाल पूछे. इसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सभी सवालों के उत्तर दिए.
2000 के नोट को लेकर सवाल-जवाब
2000 के नोटों को लेकर सबसे अहम सवाल यह पूछा गया कि क्या सरकार इन नोटों को सितंबर, 2023 के बाद बदलने की समय सीमा बढ़ाने का इरादा रखती है, यदि हां, तो उसका विवरण दे. इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है.”
वहीं, एक अन्य संसद सदस्य ने पूछा- क्या सरकार काले धन को खत्म करने के लिए अन्य उच्च मूल्य वाले मुद्रा नोटों को विमुद्रीकृत करने की योजना बना रही है. इस पर सरकार ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है.