भारत सरकार ने हाल ही में देश में अस्थिर खुदरा कीमतों में स्थिरता लाने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर ‘तत्काल प्रभाव से’ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इस कदम ने अफ्रीका, एशिया और यहां तक कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में चिंता बढ़ा दी है और अब इससे दुनिया भर में खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 20 जुलाई को अपने एक बयान में कहा था कि, भारतीय बाज़ार में गैर बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने उक्त प्रकार के चावलों की निर्यात नीति में कुछ संशोधन किया और इसे ’20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी से मुक्त से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित’ कर दिया है.
इस प्रतिबंध से न केवल वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतें बढ़ने की आशंका है, बल्कि अमेरिका में खाद्य आपूर्ति पर भी दबाव पड़ेगा और वियतनाम तथा थाईलैंड जैसे चावल निर्यातक देशों पर बोझ बढ़ेगा
देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में 25 फीसद हिस्सेदारी गैर-बासमती सफेद चावल की है और इस पर प्रतिबंध से देश में कीमतें कम होंगी.
किन देशों पर असर पड़ने की आशंका
डेटा एनालिटिक्स फर्म ग्रो इंटेलिजेंस ने एक रिपोर्ट में कहा कि सभी वैश्विक चावल शिपमेंट में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है, इसलिए फैसले से “चावल आयात पर अत्यधिक निर्भर देशों में खाद्य असुरक्षा को बढ़ाने का जोखिम बढ़ सकता है.